साहित्य

दिल के जैसा तलाश करता हूं

दर्द गढ़वाली की ग़ज़ल

दिल के जैसा तलाश करता हूं।

एक बच्चा तलाश करता हूं।।

जिस जगह से उतर सकूं दिल में।
मैं वो रस्ता तलाश करता हूं।।

ख्वाब दिन-रात देखता हूं मैं।
एक चहरा तलाश करता हूं।।

 

मैं जहां रो सकूं तसल्ली से।
एक कमरा तलाश करता हूं।।

सो सकूं मैं जहां ये सर रखकर।
मैं वो शाना तलाश करता हूं।।

धूप का दर्द है बयां करना।
एक साया तलाश करता हूं।।

जो पता दे मुझे खजाने का।
मैं वो नक्शा तलाश करता हूं।।

आदमी आदमी नज़र आए।
मैं वो खाका तलाश करता हूं।।

घूमता हूं गली-गली दिनभर।
यार तुमसा तलाश करता हूं।।

अब भरोसा कहां पड़ोसी का।
एक ताला तलाश करता हूं।।

दर्द गढ़वाली, देहरादून
09455485094

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