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डाट काली मंदिर में बही कविता की रसधार

- जीवन्ती’ देवभूमि साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था, हृदयांगन एवं राष्ट्रीय कवि संगम के संयुक्त तत्वावधान में हुआ कवि सम्मेलन

देहरादून: जीवन्ती’ देवभूमि साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था, हृदयांगन एवं राष्ट्रीय कवि संगम के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को डाट काली मंदिर के प्रांगण में कविता की रसधार बही। कवि सम्मेलन भक्ति रस, वीर रस और श्रृंगार रस की कविताओं से ओतप्रोत रहा।

ग्लोकल विश्वविद्यालय सहारनपुर के सीएफओ एपी सिंह की अध्यक्षता और युवा कवि अवनीश मलासी के संचालन में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ कविता बिष्ट ‘नेह’ की वाणी वंदना से हुआ। इसके बाद कविता पाठ शुरू हुआ। वरिष्ठ कवि केडी शर्मा, अरुण शर्मा, गौरव विवेक, विजय द्रोणी, श्रीकांत श्री, महिमा ‘श्री‘, शिवमोहन सिंह, सत्येंद्र शर्मा ‘तरंग’, नीरू गुप्ता, डॉ. नीलम प्रभा वर्मा, सुरजीत सिंह, दर्द गढ़वाली, अवनीश मलासी, संजय प्रधान, डॉ. क्षमा कौशिक, अंशु जैन, संगीता वर्मानी, अर्चना झा और अपर्णा ने अपनी कविता और गीतों से वाहवाही लूटी।

इससे पहले जीवन्ती’ देवभूमि संस्था की अध्यक्ष कविता बिष्ट ‘नेह’ ने कहा कि उनकी संस्था का उद्देश्य साहित्यिक गतिविधियों के साथ-साथ समाज के प्रति योगदान एवं हिंदी भाषा का उत्थान समर्पण के भाव को व्यक्त करना है। कार्यक्रम में भाजपा (महिला मोर्चा) की पूर्व प्रभारी सुनीता सिंह, हृदयांगन संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. विद्युत प्रभा चतुर्वेदी ‘मंजू’, बबीता राणा, जेपी ममगाईं, नमिता ममगाईं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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