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सीरिया में ISIS से ट्रेनिंग लेकर भारत में घुसे 122 आतंकवादी, पहलगाम अटैक के बाद बड़ा खुलासा

पिछले डेढ़ साल में जम्मू-कश्मीर के रास्ते 51 विदेशी आतंकवादी भारत में कर चुके घुसपैठ, कई आतंकवादी ऐसे हैं, जो सीरिया में आईएसआईएस कैंपों से ले चुके हैं ट्रेनिंग

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए क्रूर आतंकी हमले और बारामूला दो आतंकवादियों को ढेर किए जाने के बाद बड़ा खुलासा हुआ है। सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों के अनुसार पिछले डेढ़ साल में जम्मू कश्मीर के रास्ते 51 विदेशी आतंकवादी भारत में घुस आए हैं। बता दें कि, पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादियों ने बैसरन पर्यटन स्थल पर दो दिन पहले 26 नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
एक अधिकारी ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि पिछले कुछ समय में सीमा पार से 122 आतंकवादी भारत में घुसपैठ कर चुके हैं और वे जम्मू-कश्मीर में फैल चुके हैं। सुरक्षा एजेंसियों को मिली खुफिया जानकारी के अनुसार, कई आतंकवादियों ने सीरिया में आईएसआईएस के शिविरों में आतंकी प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
यह जानकारी गिरफ्तार किए गए कुछ आतंकी सदस्यों ने पूछताछ के बाद सुरक्षा एजेंसियों को दी। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में तैनात भारतीय सेना की चिनार कोर ने बुधवार को दो आतंकियों को मार गिराया। खबर के मुताबिक, जब आतंकी बारामूला के उरी नाला में सरजीवन के जनरल एरिया से घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे, उसी समय उनका एनकाउंटर कर दिया गया। घटनास्थल से दो एके सीरीज की राइफलें,पांच मैगजीन, एक पिस्तौल,दस किलो आरसीआईडी ​​और अन्य सामान बरामद की गई है.
अधिकारी ने बताया कि पहलगाम हमले में विदेशी आतंकी भी शामिल थे। पहलगाम हमले को अंजाम देने में उन्हें (विदेशी आतंकियों को) स्थानीय आतंकियों के साथ-साथ विभिन्न आतंकी संगठनों के ओवरग्राउंड वर्करों का भी समर्थन प्राप्त था। सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की चिंता है कि भारत में घुसने के बाद आतंकी संगठन के कई सदस्य देश के अन्य हिस्सों खासकर दक्षिणी राज्यों में अपना ठिकाना बना लेते हैं।
मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “उनका उद्देश्य आईएसआईएस मॉड्यूल को बढ़ावा देना और भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देना है। भारत की प्रमुख आतंकवाद निरोधक एजेंसी (एनआईए) भारत में आईएसआईएस मॉड्यूल के कई मामलों की जांच कर रही है।
जांच एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, कई मामलों में उन्होंने पाया है कि आईएसआईएस मॉड्यूल के आतंक से प्रेरित होकर, सदस्य आतंकवाद के वित्तपोषण में शामिल हैं और साथ ही बम विस्फोट की घटनाओं को भी अंजाम देने में भी उनकी भूमिका होती है।

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