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211 प्रभारी प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्यों ने पद छोड़े

शिक्षकों का आंदोलन तेज, अब केवल छात्रों को ही पढ़ाएंगे, कोई और काम नहीं करेंगे 

देहरादून/उत्तरकाशी: राजकीय शिक्षक संघ के आह्वान पर जनपद के राजकीय हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य का कार्यभार संभाल रहे 112 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने पद छोड़ दिए हैं। उनका कहना है कि अब छात्र हित में मात्र अपने विषय की पठन-पाठन की प्रक्रिया पूरा करवाएंगे। वहीं इन सभी शिक्षकों ने कार्यभार लिपिक वर्ग के कर्मचारियों को दे दिया है। रुद्रप्रयाग जिले में पहले ही माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य पदों का प्रभार संभाल रहे शिक्षक-शिक्षिकाओं ने पद छोड़ दिए हैं। जिले में करीब 99 प्रभारी प्रधानाध्यापक, प्रधानाचार्याें ने पदभार छोड़ दिया और राजकीय शिक्षक संघ ने इस संबंध में खंड शिक्षाधिकारी को पत्र भेज दिया है।

राजकीय शिक्षक संघ उत्तरकाशी के जिलाध्यक्ष अतोल सिंह महर और जिला मंत्री बलवंत असवाल ने बताया कि बीते 18 अगस्त से वे शिक्षकों की प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य पदों पर पदोन्नति की मांग कर रहे हैं। साथ ही प्रधानाचार्य पद पर सीधी भर्ती को निरस्त करने और वार्षिक स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू करने की मांग कर रहे हैं।

वहीं शिक्षकों की ओर से चॉकडाउन के माध्यम से भी विरोध किया जा रहा है। उसके बाद भी सरकार की ओर से किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही है। जनपद में हाईस्कूल में प्रधानाध्यापकों के 52 और प्रधानाचार्य के 75 पद सहित कुल 127 पद हैं। इनमें से 120 पदों पर प्रभारी ही कार्यभार संभाल रहे हैंं लेकिन पदोन्नति नहीं की जा रही है। इसलिए संघ ने सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं से प्रभारी प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य पद का कार्यभार छोड़ने का आह्वान किया गया था।

अतोल महर ने बताया कि करीब 112 शिक्षक प्रभारी का कार्यभार छोड़कर लिपिक वर्ग के कर्मचारियों को सौंप चुके हैं। शिक्षक अब मात्र अपने विषय की पठन-पाठन प्रक्रिया को पूरा करेंगे। वहीं गैर शैक्षणिक कार्यों, विभागीय प्रशिक्षणों, डाक प्रेषणों, मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार जारी रहेगा।

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