उत्तराखंडसाहित्य

दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कांग को मिला साहित्य का नोबल पुरस्कार 

देहरादून : दक्षिण कोरिया की लेखिका हान कांग को वर्ष 2024 का साहित्य का नोबल पुरस्कार दिया गया है। यह सम्मान उनके काव्यात्मक गद्य के लिए दिया गया है। उनके सबसे हालिया उपन्यास ‘आई डू नॉट बिड फेयरवेल’ को 2023 में फ्रांस में मेडिसिस पुरस्कार, 2024 में एमिल गुइमेट पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

  भारत में इस नाम से कुछ ही लोग परिचित हैं। पर पश्चिम में कमोबेश इन्हें सभी जानते हैं। उन्होंने कविताएं, कहानियां व उपन्यास लिखे हैं। इनकी रचनाओं में युद्धों की विभीषिका में मनुष्य की त्रासदियां भी शामिल हैं। साथ ही संवेदनशील दृष्टि, जिजीविषा, मृत्यु, कष्ट आदि उजागर हुए हैं।

हान कांग का उपन्यास द वैजीटेरियन 2007′ में आया। इसमें एक लड़की को आभास होता है कि वह पेड़ बनती जा रही है। इसके अलावा, हान कांग की कहानियों और उपन्यासों में फ्रूट्स फार माई वुमन( 2000) फायर सैलामैंडर( 2012) योर कोल्ड हैंड्ज़( 2002) ह्रीं फाइंडिंग(2010)  और ग्रीक ले सेंस( 2011) ह्यूमन एक्ट्स( 2014) द वाइट बुक(2016)  आई डू नाओट बिड फेयरवैल(2021) जैसे उपन्यास शामिल हैं। आई पुट द ईवनिंग इन द ड्रार(2013 ) में छपा कविता संग्रह है। कांग की रचनाओं के अंग्रेजी अनुवाद हुए हैं।, लेकिन हिंदी अनुवाद नहीं हुए, जिससे यह हिंदी पाठकों से दूर हैं। हान कांग को नोबेल पुरस्कार मिलना एक महत्वपूर्ण घटना है।

 बता दें कि हान कांग का जन्म 1970 में दक्षिण कोरियाई शहर ग्वांगजू में हुआ था लेकिन 9 साल की उम्र में ही वह अपने परिवार संग सियोल चली गई थीं। 53 वर्षीय हान कांग एक साहित्यिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता भी एक प्रतिष्ठित उपन्यासकार हैं।

(लेखक डॉ. अतुल शर्मा)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button