उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव: आरक्षण सूची जारी, चुनावी सरगर्मी तेज

देहरादून: उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। लंबे समय से आरक्षण की पेचीदगियों और अन्य कारणों से अटके हुए निकाय चुनाव अब निर्णायक चरण में पहुंच चुके हैं। शनिवार को शहरी विकास विभाग ने नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों के अध्यक्ष पदों के आरक्षण की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ ही, नगर निगम वार्ड सदस्यों और नगर पंचायतों के वार्ड सदस्यों के आरक्षण की प्रक्रिया भी रविवार से शुरू हो गई है।
उत्तराखंड में कुल 11 नगर निगम हैं। इनमें महापौर पदों के लिए आरक्षण की अधिसूचना जारी की गई है। देहरादून नगर निगम का महापौर पद इस बार भी अनारक्षित रखा गया है, जबकि हल्द्वानी नगर निगम का महापौर पद अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) के लिए आरक्षित कर दिया गया है। अन्य नगर निगमों में भी आरक्षण की स्थिति निम्नलिखित है:
देहरादून: अनारक्षित
ऋषिकेश: अनुसूचित जाति
हरिद्वार: अन्य पिछड़ी जाति (महिला)
रुड़की: महिला
कोटद्वार: अनारक्षित
श्रीनगर: अनारक्षित
रुद्रपुर: अनारक्षित
काशीपुर: अनारक्षित
हल्द्वानी: अन्य पिछड़ी जाति
पिथौरागढ़: महिला
अल्मोड़ा: महिला
महापौर पदों पर आरक्षण की विस्तृत स्थिति—
राज्य के महापौर पदों में आरक्षण निम्न प्रकार से निर्धारित किया गया है:
अनारक्षित: 5
महिला: 3
अन्य पिछड़ा वर्ग (महिला): 1
अन्य पिछड़ा वर्ग: 1
अनुसूचित जाति: 1
नगर पालिका परिषदों में आरक्षण की स्थिति—
नगर पालिका परिषदों में कुल 43 अध्यक्ष पदों पर आरक्षण लागू किया गया है। इनमें 15 सीटें अनारक्षित रखी गई हैं, जबकि 9 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। अन्य पिछड़ी जाति (महिला) को 4 सीटें मिली हैं और अनुसूचित जाति (महिला) को 2 सीटें।
मुख्य नगर पालिका परिषदों में आरक्षण की स्थिति इस प्रकार है:
विकासनगर: अनुसूचित जनजाति
मसूरी: अन्य पिछड़ी जाति (महिला)
हर्बर्टपुर: अन्य पिछड़ी जाति
डोईवाला: अनारक्षित
मंगलौर: अन्य पिछड़ी जाति
लक्सर: अनुसूचित जाति
शिवालिकनगर: अनारक्षित
उत्तरकाशी: महिला
जोशीमठ: महिला
चंपावत: महिला
रुद्रप्रयाग: अनारक्षित
बागेश्वर: अन्य पिछड़ी जाति
रामनगर: अनारक्षित
पौड़ी: महिला
टिहरी: अनारक्षित
नगर पंचायतों में आरक्षण की स्थिति—
नगर पंचायतों में कुल 46 अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण की अधिसूचना जारी की गई है। इनमें 15 पद अनारक्षित हैं, जबकि 16 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। अन्य पिछड़ी जाति (महिला) के लिए 6 सीटें निर्धारित की गई हैं।
महत्वपूर्ण नगर पंचायतों में आरक्षण की स्थिति इस प्रकार है:
तपोवन: अन्य पिछड़ी जाति (महिला)
स्वर्गाश्रम: महिला
गुप्तकाशी: अनुसूचित जाति (महिला)
तिलवाड़ा: अन्य पिछड़ी जाति (महिला)
उखीमठ: महिला
डोईवाला: अनारक्षित
महिलाओं के लिए बढ़ा अवसर—
इस बार की आरक्षण सूची में महिलाओं के लिए विशेष रूप से अधिक अवसर प्रदान किए गए हैं। 11 नगर निगमों में से 4 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। नगर पालिका परिषदों में 15 और नगर पंचायतों में 16 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। इससे महिलाओं को स्थानीय निकाय चुनावों में बड़ी भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा।
आरक्षण के बाद बदले समीकरण—
आरक्षण सूची जारी होने के बाद कई राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं। देहरादून, हरिद्वार, और हल्द्वानी जैसे बड़े नगर निगमों में आरक्षण के चलते कई वरिष्ठ नेताओं की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। हरिद्वार नगर निगम को अन्य पिछड़ी जाति (महिला) के लिए आरक्षित किए जाने के बाद नए चेहरों को मौका मिलने की संभावना है।
शहरी विकास निदेशालय के अनुसार, 15 दिसंबर के बाद आरक्षण की अंतिम अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दिसंबर के अंत तक आचार संहिता लागू किए जाने की संभावना है। निकाय चुनाव जनवरी 2024 के दूसरे या तीसरे सप्ताह में हो सकते हैं।
निकाय चुनाव का महत्व—
उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण हैं। स्थानीय निकायों का कार्यकाल पिछले वर्ष नवंबर में समाप्त हो गया था और तब से यह प्रशासकों के हाथ में हैं। आरक्षण और नियमावली में संशोधन के कारण चुनाव बार-बार टलते रहे, लेकिन अब अंतिम दौर की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
आगे की प्रक्रिया—
अध्यक्ष पदों के आरक्षण के साथ ही वार्ड सदस्यों के आरक्षण की प्रक्रिया भी जारी है। सभी जिलाधिकारियों को वार्ड आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना तैयार करने का निर्देश दिया गया है। नगर निकाय चुनावों की तैयारी के साथ ही उत्तराखंड में चुनावी माहौल गरमा गया है। आरक्षण सूची ने जहां कुछ नेताओं के समीकरण बिगाड़े हैं, वहीं कई नए चेहरों के लिए अवसर के द्वार खोले हैं। अब चुनाव की घोषणा के साथ ही राजनीतिक दलों की गतिविधियां तेज होने की संभावना है।