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गीत-ग़ज़लों से भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को किया याद 

देहरादून में नई क़लम नया कलाम की ओर से बुधवार को अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी पर किया गया कार्यक्रम, साहित्य के पुरोधा थे अटल बिहारी वाजपेयी: रामविनय 

देहरादून : राजधानी देहरादून में बुधवार को नई क़लम नया कलाम की ओर से भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रतिष्ठित उद्योगपति डॉ. एस. फारूख साहब के मुख्य आतिथ्य, प्रसिद्ध कवि डॉ. रामविनय सिंह की अध्यक्षता और प्रमुख शूटर मधु मारवाह की मौजूदगी में हुए इस कार्यक्रम में करीब 40 कवियों और शायरों ने अपना काव्य पाठ किया।

कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई और इसके बाद काव्य पाठ का सिलसिला शुरू हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार और डीएवी पीजी कॉलेज में संस्कृत के प्रोफेसर डॉ. रामविनय सिंह ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को साहित्य का पुरोधा बताया। उन्होंने वाजपेयी की कुछ कविताओं का पाठ भी किया।

कार्यक्रम में उस्ताद शायर अंबर खरबंदा, उत्तराखंड सरकार की ओर से साहित्य गौरव पुरस्कार से सम्मानित शायर नदीम बर्नी, वरिष्ठ कवयित्री महेश्वरी कनेरी, शानदार कवि और डिप्टी कमिश्नर जीएसटी विजय कुमार ‘द्रोणी’, डॉ. नीलमप्रभा वर्मा, लाजवाब शायरा मोनिका मंतशा, राजकुमार बख़्शी, झरना माथुर, शांति प्रकाश जिज्ञासु, योगेश्वर गौड़, शिवचरण शर्मा ‘मुज्तर, सागर डंगवाल, दर्शन सिंह बिष्ट, विनीता मैठाणी, ममता जोशी, मनोज खरे, रविन्द्र सेठ, नरेंद्र शर्मा, आशा कंडवाल, रक्षा बौड़ाई की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम में माउथ आर्गन पर मनोज माथुर और आलोक की प्रस्तुति ने चार चांद लगा दिए। विदुषी कवयित्री शोभा पाराशर और दर्द गढ़वाली ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस सफल कार्यक्रम के लिए नई क़लम नया कलाम संस्था के संस्थापक अध्यक्ष प्रफुल्ल पंड्या की ओर से प्रदेश अध्यक्ष निशा अतुल्य और यामा शर्मा ने अतिथियों का आभार जताया।

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