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डीएम से पंगा जिला आबकारी अधिकारी को भारी पड़ा, मुख्यालय अटैच

देहरादून/चमोली: अंग्रेजी शराब की दुकानों को मनमाने तरीके से आवंटित करने, डीएम की अनुमति के बगैर दफ्तर से गायब मिलने तथा कर्मचारी आचरण नियमावली का प्रोटोकॉल तोड़ सीधे मुख्यमंत्री को पत्र लिखना आबकारी अधिकारी दुर्गेश कुमार त्रिपाठी को भारी पड़ गया है। शासन ने उन्हें आबकारी मुख्यालय अटैच कर दिया है। उधर, चमोली में जिला आबकारी अधिकारी दफ्तर से बिना अनुमति गायब होने के बाद गुरुवार को उनकी गुमशुदगी की तहरीर सोशल मीडिया में खूब वॉयरल हुई है।
जनपद चमोली में दो अंग्रेजी शराब की दुकानों को जिला आबकारी अधिकारी दुर्गेश कुमार त्रिपाठी पर जिलाधिकारी को बाईपास कर सीधे आबकारी आयुक्त के मार्फत आवंटित करने के आरोप हैं। इस मामले में जिलाधिकारी ने जब नियमानुसार पत्रावली के साथ तलब होने को कहा तो आबकारी अधिकारी ने पहले तो पेश होने की बात कही, लेकिन जब काफी समय आबकारी अधिकारी न तो स्वयं पेश हुए और न ही पत्रावली डीएम को पेश की। आरोप है कि राजस्व प्राप्ति के लिहाज से महत्वपूर्ण 31 मार्च को जब डीएम ने अधीनस्थों से आबकारी अधिकारी त्रिपाठी को फोन करके बुलाया तो वह टाल मटोल करने लगे। इस पर डीएम अधीनस्थ अधिकारी को साथ लेकर सीधे आबकारी अधिकारी के दफ्तर पहुंच गए। जहां पता चला कि दफ्तर में सिर्फ पीआरडी जवान मौजूद है। यहां से आबकारी अधिकारी त्रिपाठी दो बाबुओं समेत गायब हैं। इस पर डीएम ने तीनों के खिलाफ वेतन रोकने के साथ ही आबकारी अधिकारी की सर्विस ब्रेक करने की कार्रवाई अमल में लाई है। इसके साथ ही आबकारी अधिकारी के निलंबन की संस्तुति शासन को की है। इधर, डीएम की कार्रवाई की भनक लगते ही आबकारी अधिकारी ने सीधे मुख्यमंत्री को पत्र लिख डाला। साथ ही अपने ट्रांसफर को लेकर पूर्व में पत्र लिखने की बात कही गई। मुख्यमंत्री को तय प्रोटोकॉल का खिलाफ सीधे पत्र लिखने पर खुद आबकारी अधिकारी कार्रवाई से घिर गए। इसके अलावा जिले से बिना अनुमति एवं दफ्तर से गायब मिलने पर आबकारी अधिकारी के खिलाफ चमोली के राजस्व पटवारी की तरफ से गुमशुदगी रिपोर्ट सोशल मीडिया में वॉयरल हो गई।
सूत्रों पर भरोसा करें तो आबकारी अधिकारी और डीएम के बीच शुरू हुई जंग मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गईं। मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। इस मामले में शासन ने आबकारी अधिकारी को मुख्यालय अटैच कर दिया है। साथ ही मामले की विभागीय जांच कराने की तैयारी चल रही है। इस मामले में जहां चमोली के जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और अन्य जागरूक लोगों ने डीएम की कार्रवाई का समर्थन किया है, वहीं, आबकारी विभाग के कर्मचारी संगठन आबकारी अधिकारी के पक्ष में खड़े हैं। बहरहाल मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है।

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