बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आज भी प्रासंगिक

देहरादून: सीएसआईआर- आईआईपी में भारत रत्न डॉ बी आर अंबेडकर जी की जयंती तथा संस्थान के 66वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया।
डॉ. आरपी सिंह, निदेशक, भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आईआईआरएस) देहरादून ने मुख्य अतिथि के रूप में इस अवसर की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम का प्रारंभ भारत रत्न डॉ. बी. आर. अम्बेडकर को उनकी 135वीं जयंती पर गणमान्य व्यक्तियों द्वारा पुष्पांजलि अर्पण के साथ किया गया। इस अवसर पर डॉ. उमेश कुमार, प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-आईआईपी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के कार्यों, उनके प्रभाव और प्रासंगिकता पर एक व्याख्यान दिया।
इस उत्सव में संस्थान के अग्रणी अनुसंधान, अभिनव प्रौद्योगिकियों और उद्योग सहयोग के समृद्ध इतिहास को दर्शाया गया। डॉ हरेन्द्र सिंह बिष्ट, निदेशक, सीएसआईआर-आईआईपी ने अपने स्वागत भाषण में संस्थान के अग्रणी कार्यों और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देश की लगभग सभी प्रमुख रिफाइनरियों में सीएसआईआर-आईआईपी की एक या एक से अधिक प्रौद्योगिकियां प्रयोग की जा रही हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सीएसआईआर-आईआईपी ने CSIR@100 और विकसित भारत 2047 मिशन के साथ पूरी तरह से संरेखित एक केंद्रित रोडमैप तैयार किया है।
समारोह के मुख्य अतिथि, डॉ आर पी सिंह, निदेशक, आईआईआरएस ने संस्थान के 66 वें स्थापना दिवस और भारत रत्न डॉ बी. आर. अंबेडकर की जयंती पर सभी लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने “पृथ्वी के पार जीवन की खोज” पर एक बहुत ही आकर्षक और संवादात्मक प्रस्तुति दी। अपने व्याख्यान में डॉ० सिंह ने भारत द्वारा किए गए अंतरिक्ष अनुसंधान विशेषकर अन्य ग्रहों पर जीवन की खोज के विषय में संक्षिप्त जानकारी दी।
सेपियन्स स्कूल, देहरादून के छात्र एवं शिक्षक भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। यह समारोह हेमंत कुलकर्णी, मुख्य वैज्ञानिक एवं प्रमुख, एससीडीडी सीएसआईआर-आईआईपी ने आभार व्यक्त किया।