वक्फ सुधार कार्यशाला: मुस्लिम महिला के सवाल पर हंगामा
- भाजपा कार्यकर्ताओं ने बड़ी मुश्किल से मनाया

देहरादून: नए वक्फ कानून को लेकर देहरादून स्थित भाजपा प्रदेश मुख्यालय में कार्यशाला और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा था, तभी वहां कुछ लोगों ने बखेड़ा खड़ा कर दिया। दरअसल, हुआ ये कि कार्यशाला में शामिल हुई कुछ मुस्लिम महिलाओं ने ऐसे सवाल किए, जिससे कार्यक्रम का माहौल बिगड़ गया। जैसे-तैसे भाजपा के कार्यकर्ताओं ने मामले को शांत करवाया। कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम भी मौजूद थे, लेकिन कुछ देर बाद मुख्यमंत्री कार्यक्रम स्थल से चले गए थे। उनके जाने के बाद ये हंगामा हुआ।
दरअसल, उत्तराखंड भाजपा प्रदेश मुख्यालय देहरादून में बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं को बुलाया गया था। यहां भाजपा नेता मुस्लिम महिलाओं को नए वक्फ कानून की जानकारियां दे रहे थे और उन्हें वक्फ कानून के फायदे बता रहे थे, लेकिन तभी देहरादून की रहने वाली महिला शकीला आलम से भाजपा नेता ने पूछा कि वो नए वक्फ कानून को किस तरह देखती हैं। बस यहीं से पूरा हंगामा शुरू हो गया।
शकीला आलम ने भाजपा की तो तारीफ की, लेकिन वो वक्फ बोर्ड में किए गए संशोधन से खुश नहीं हैं। शकीला आलम का आरोप है कि नए वक्फ कानून में ज्यादा किराया वसूला जाएगा, जिसे वह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगी। हालांकि, जब भाजपा नेता ने शकीला आलम से पूछा कि उनको ऐसा कौन कह रहा है, तो उन्होंने कहा कि ये सब जानकारी उन्हें वक्फ बोर्ड के सदस्यों ने दी है। मामला बिगड़ता देख भाजपा कार्यकर्ता शहजाद आलम ने मोर्चा संभाला। उन्होंने शकीला आलम को शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन वो किसी की सुनने को तैयार ही नहीं थीं। आखिर में भाजपा के कुछ कार्यकर्ता महिला को खींचकर बाहर ले गए।
इस बारे में जब भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के महानगर अध्यक्ष यास्मीन आलम से पूछा गया कि विरोध कर रही महिलाओं को मीडिया से क्यों बात नहीं करने दी जा रही है तो उन्होंने कहा कि महिलाओं में अभी थोड़ी जागरूकता की कमी है। इन महिलाओं को भ्रमित किया गया है। इसी भ्रम को दूर करने के लिए इन्हें कार्यशाला में लाया जा रहा है। हम लोग जनता के बीच में जाकर बताएंगे कि नया कानून कैसे सही है। नए वक्फ कानून को लेकर बहुत सारी गलतफहमियां फैलाई गई हैं।
——————
वक्फ की जमीन पर जो गरीब मुसलमान रह रहे हैं, उनसे भी अब पांच-पांच हजार रुपए लिए जाएंगे. ये कहां का इंसाफ हैं? यहां तक सुना है कि वक्फ संपत्तियों को तोड़ा जाएगा और वहां से लोगों को हटाया जाएगा. उनका किराया बढ़ाया जाएगा. यह सब गलत हो रहा है.
– शकीला आलम