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भावनाओं का सफर है मंजू काला की पुस्तक 

दून पुस्तकालय में लेखिका मंजू काला की दो पुस्तकों  'बैलेड्स ऑफ इंडियाना' अल्मंडा टू चेट्टीनाड (भाग एक एवं दो) का हुआ विमोचन, कई साहित्यकारों का हुआ सम्मान

देहरादून : हिमांतर प्रकाशन के तत्वावधान में शनिवार को दून पुस्तकालय में आयोजित भव्य कार्यक्रम में लेखिका मंजू काला की दो पुस्तकों  ‘बैलेड्स ऑफ इंडियाना’ अल्मंडा टू चेट्टीनाड (भाग एक एवं दो) का विमोचन किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि यह पुस्तक एक पुस्तक मात्र न होकर भावनाओं का एक सफर है जो शुरू होता है अल्मंडा नदी से और खत्म होता है कावेरी के तट पर। दरअसल जिस भारत की विविधता विश्व भर में चर्चित है, इस तरह की विविधता इस पुस्तक में दिखाई देती है।

साहित्यकार महावीर रवांल्टा ने कहा कि मंजू काला ने अपनी पुस्तक में विद्वता न दिखाकर दृष्टिकोण का प्रकटीकरण किया है, जो सही मायने में उनकी सफलता है। उन्होंने कहा कि पाठकों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन पुस्तकों का प्रकाशन लगातार बढ़ रहा है, जो भविष्य के लिए अच्छा संकेत है। महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने कहा कि घर-गृहस्थी के बाद भी मंजू काला ने जो पुस्तकें आमजन को सौंपी हैं, वह बहुत महत्वपूर्ण हैं। कहा कि लेखन में रवानी है, रोचकता है, जो पुस्तक को बोधगम्य बनाती है। मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूड़ी ने कहा कि मंजू काला की पुस्तक रोचक और तथ्यपूर्ण है, जिसे हर पाठक को पढ़ना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्कृत विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डॉ. सुधा रानी पांडे ने कहा कि पुस्तक में संस्मरणों को समेटे यात्रा वृत्तांत हों, या क्षेत्र विशेष की स्थानीय विशेषताओं को उजागर करती उनकी कलात्मक शैली की बात। भावनात्मक कहानियां और उन कहानियों को समेटती काव्यात्मक अभिव्यक्ति मंजू काला के बहुआयामी व्यक्तित्व को भी सामने ले आती है। भाषा को क्लिष्ट न करते हुए आम लोगों की बात के अनुरूप साधारण रूप से व्यक्त करना साहित्य को असाधारण बना देता है और यही बात पाठक को इस पुस्तक से जोड़ती है।
इससे पहले, लेखिका मंजू काला ने पुस्तक को लेकर लेखकीय वक्तव्य दिया। उन्होंने बताया कि किस तरह उन्होंने पुस्तक को रोचक बनाने का प्रयास किया है।

दो चरणों में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध लेखक चारू तिवारी समेत कई साहित्यकारों को हिमांतर सहयात्री सम्मान से सम्मानित किया गया। डॉ. प्रकाश उप्रेती ने कार्यक्रम का प्रभावी संचालन किया। कार्यक्रम में कमला पंत, सविता मोहन, डॉली डबराल, डॉ. रामविनय सिंह, शशिभूषण बडोनी, चंद्रशेखर तिवारी, शादाब मशहदी, रजनीश त्रिवेदी, कल्पना बहुगुणा, कांता घिल्डियाल, दर्द गढ़वाली आदि मौजूद थे।

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