गीत-ग़ज़लों से दिया एकता का संदेश
- माउंट व्यू कालोनी में हुई राष्ट्रीय कवि संगम की मासिक काव्य गोष्ठी, मुरादाबाद जनपद के प्रसिद्ध शायर नफीस अहमद नफीस और डॉ. मुनव्वर ताबिश के सम्मान में सजी महफ़िल

देहरादून: राष्ट्रीय कवि संगम की मासिक काव्य गोष्ठी रविवार को मुरादाबाद जनपद से आए प्रसिद्ध शायर नफीस अहमद नफीस और डॉ. मुनव्वर ताबिश के सम्मान में सहस्त्रधारा रोड स्थित माउंट व्यू कालोनी में हुई। वरिष्ठ शायर अंबर खरबंदा की अध्यक्षता में हुई इस काव्य गोष्ठी में शहर के नामचीन कवियों और शायरों ने जहां प्यार-मोहब्बत की ग़ज़लें सुनाई, वहीं गीतों से देशभक्ति का जोश भरा और एकता का संदेश दिया।
काव्य गोष्ठी की शुरुआत ओज कवि जसवीर सिंह हलधर ने मां सरस्वती की वंदना से की और बाद में देशप्रेम से ओतप्रोत रचनाओं से भारत मां का गुणगान किया। वरिष्ठ शायर इक़बाल आज़र ने जहां प्यार-मोहब्बत की ग़ज़लें सुनाई, वहीं पाकिस्तान पर भी तंज कसा। शायरा अंबिका रूही ने अपनी ग़ज़ल से सरकार को आइना दिखाया। परमवीर कौशिक ने देशभक्ति गीत से वाहवाही लूटी। दर्द गढ़वाली ने भी अपनी ग़ज़लों से तालियां बटोरी। मेजबान तसनीमा कौशर ने तरन्नुम से ग़ज़ल सुनाकर वाहवाही लूटी। धर्मेंद्र उनियाल धर्मी ने छोटी बह्र की ग़ज़लों से शायरों का ध्यान खींचा। सतेन्द्र शर्मा तरंग ने प्रभावी संचालन करते हुए अपनी कविता से भी दाद हासिल की। अंबर खरबंदा ने अध्यक्षता करते हुए अपनी ग़ज़लों से महफ़िल को ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया। इससे पहले, नफीस अहमद नफीस और डॉ. मुनव्वर ताबिश ने तरन्नुम में ग़ज़लें सुनाकर महफ़िल को ख़ुशनुमा बना दिया।
इससे पहले, वरिष्ठ कवि कृष्ण दत्त शर्मा ‘कृष्ण, जावेद अहमद, संजय प्रधान, आनंद दीवान और स्वाति ‘मौलश्री’ ने भी अपनी रचना से तालियां बटोरी। राष्ट्रीय कवि संगम के क्षेत्रीय महामंत्री श्रीकांत श्री ने सभी कवियों और शायरों को कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी। इस मौके पर अफ़रोज़ जहां वारसी, लल्लन सिद्दीकी, शाइस्ता कौसर, रोहित कुमार, मनतोष, जरीदा बेगम आदि मौजूद थे।