भाजपा के पूर्व विधायक सुरेश राठौर की मुश्किलें बढ़ीं
-महिला विवाद के बाद अब पार्टी ने थमाया कारण बताओ नोटिस

देहरादून: भाजपा पूर्व विधायक सुरेश राठौर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उनके महिला विवाद के बाद अब पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस थमा दिया है। सुरेश राठौर को अपना पक्ष रखने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है।
उत्तराखंड में भाजपा नेताओं पर अनुशासनहीनता के विवाद कम होने के नाम नहीं ले रहे हैं। अनुशासनहीनता के ज्यादातर मामले हरिद्वार से ही सामने आ रहे हैं. पूर्व में भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे कुंवर प्रभाव चैंपियन का निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के साथ विवाद हुआ, जिसकी वजह से पार्टी की छवि धूमिल हुई, जिसके बाद पार्टी ने उन पर कार्रवाई भी की गई। अब ज्वालापुर से पूर्व विधायक सुरेश राठौड़ का मामला सुर्खियों में है। उन्होंने लंबे समय से एक महिला के साथ चल रहे विवाद के बाद अब शादी की घोषणा की है। पार्टी ने पूर्व विधायक सुरेश राठौर के पूरे मामले को पार्टी की सभी धूमिल करने वाला बताया है। इस संबंध में उत्तराखंड भाजपा ने पूर्व विधायक सुरेश राठौर को एक कारण बताओं नोटिस भी भेजा है।
पार्टी ने हरिद्वार की ज्वालापुर विधानसभा से पूर्व विधायक सुरेश राठौर को उनका और उनकी महिला संबंधी से चल रहे विवाद और शादी के संबंध में जन सामान्य में हो रही तमाम चर्चाओं और पार्टी की धूमिल होती छवि को लेकर सवाल पूछा है। पार्टी ने पूर्व विधायक सुरेश राठौर को दिए गए नोटिस में कहा है कि लंबे समय से आपके आचरण को लेकर मीडिया और सोशल मीडिया में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। आपके सामाजिक आचरण के कारण पार्टी की छवि धूमिल हो रही है।
पार्टी ने कहा सुरेश राठौर की यह सार्वजनिक रूप से की जा रही गतिविधियों पार्टी में अनुशासनहीनता के दायरे में आती हैं। इस संबंध में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री राजेंद्र बिष्ट ने सात दिनों के भीतर विधायक सुरेश राठौर से लिखित रूप में कार्यालय में जवाब प्रस्तुत करने को कहा है।
इस पूरे मामले पर भाजपा प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने कहा सुरेश राठौर के निजी जीवन में जो कुछ भी घटनाक्रम हुआ है इसको लेकर पार्टी हस्तक्षेप नहीं करती है. लेकिन जब किसी भी राजनीतिक व्यक्ति के निजी जीवन की बातें चौराहे पर की जाती हैं तो उससे व्यक्ति के साथ-साथ उसकी पार्टी की भी आलोचना समाज में होती है। निश्चित तौर से यह पार्टी की छवि को धूमिल करता है। इन तामम गतिविधियों का चलते पार्टी ने सुरेश राठौर को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 7 दिन के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। उन्होंने कहा सुरेश राठौर को एक सप्ताह का समय अपना पक्ष रखने के लिए दिया गया है। उनका पक्ष आने के बाद पार्टी विचार करेगी। उसके बाद जरूरी कार्रवाई की जाएगी।