‘ऑपरेशन कालनेमि’ में बांग्लादेशी समेत 25 छद्म वेशधारी गिरफ्तार
- देहरादून पुलिस ने छद्म वेशधारियों को पकड़ने के लिए 'ऑपरेशन कालनेमि' चलाया, सीएम धामी ने गुरुवार को लॉन्च किया था अभियान

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को ‘ऑपरेशन कालनेमि’ यानी पहचान छिपाकर साधु के वेश में घूम रहे लोगों के खिलाफ अभियान लॉन्च किया था। इसके दूसरे ही दिन देहरादून पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल कर ली। दून पुलिस ने कालनेमि बनकर उत्तराखंड में घूम रहे दूसरे राज्यों के कई ढोंगियों को गिरफ्तार किया। बाबा के भेष में घूम रहे बांग्लादेशी नागरिक को गया है। दून पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर विदेशी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इसके साथ ही अलग-अलग थाना क्षेत्रों में पुलिस ने साधु-संतों के भेष में घूम रहे अन्य राज्यों के 20 से अधिक ढोंगी बाबाओं सहित कुल 25 ढोंगी बाबाओं को ऑपरेशन कालनेमि के तहत गिरफ्तार किया है। मौके पर बैठे ढोंगी बाबाओं, जिन्हें ज्योतिष शास्त्र का ज्ञान नहीं था, उनके खिलाफ एसएसपी ने कार्रवाई के निर्देश दिए थे। प्रदेश में सबसे पहले दून पुलिस ने ऑपरेशन कालनेमि के तहत कार्रवाई की है।
सीएम धामी ने गुरुवार को शुरू किया था ‘ऑपरेशन कालनेमि’: देवभूमि में धर्म की आड़ में लोगों की भावनाओं और आस्थाओं से खिलवाड़ करते हुए उनके साथ धोखाधड़ी करने वाले भेषधारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री के निर्देशों पर ‘ऑपरेशन कालनेमि’ शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री द्वारा ऐसे सभी व्यक्तियों को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
ये काम करते हैं छद्म वेशधारी लोग: ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने थाना क्षेत्रों में ऐसे व्यक्तियों, जो साधु-संतों का भेष धारण कर लोगों को विशेषकर महिलाओं और युवाओं को भ्रमित करते हैं उनकी पहचान करने का आदेश दिया गया है। ये भेषधारी छद्म लोग स्थानीय लोगों को उनकी व्यक्तिगत अथवा घरेलू समस्याओं का निदान करने का प्रलोभन देते हैं। इस दौरान उन्हें वशीभूत करते हुए उनके साथ ठगी की घटनाओं को अंजाम देते हैं। ऐसे कालनेमियों को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
देहरादून एसएसपी ने खुद संभाली ‘ऑपरेशन कालनेमि’ की कमान: आज एसएसपी अजय सिंह ने खुद नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में जाकर साधु-संतों का भेष धारण कर सड़क किनारे बैठे व्यक्तियों से व्यक्तिगत रूप से पूछताछ की गई। इनमें से ज्यादातर लोग अपने प्रोफेशन के सम्बंध में कोई सन्तोषजनक उत्तर नहीं दे पाए. न ही ये लोग ज्योतिष शास्त्र की शिक्षा से सम्बन्धित कोई दस्तावेज प्रस्तुत कर पाए। इस पर एसएसपी ने मौके पर मौजूद अधिकारियों से ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस पर ऐसे सभी व्यक्तियों को पुलिस ने मौके से हिरासत में लेते हुए उन्हें 170 बीएनएसएस के तहत गिरफ्तार किया।
एलआईयू और आईबी बांग्लादेशी नागरिक से कर रहीं पूछताछ: एसएसपी अजय सिंह ने बताया है कि अभियान के दौरान अलग-अलग थाना क्षेत्रों में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए साधु-संतों के भेष में घूम रहे 25 ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया है। इनमें से सहसपुर क्षेत्र में बाबा के भेष में घूम रहा एक बांग्लादेशी नागरिक भी पुलिस की गिरफ्त में आया है। उसके खिलाफ थाना सहसपुर में विदेशी अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज किया गया। साथ ही एलआईयू और आईबी की टीमों ने बांग्लादेशी नागरिक से पूछताछ कर रही हैं। गिरफ्तार ढोंगी बाबाओं में 20 से अधिक व्यक्ति अन्य राज्यों के रहने वाले है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर शुरू ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत ढोंगी बाबाओं के खिलाफ दून पुलिस की कार्रवाई जारी रहेगी।
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पकड़े गए लोग
रूकन रकम, निवासी ढाका, बांग्लादेश, (बांग्लादेशी नागरिक)
अनिल गिरि, निवासी हिमाचल प्रदेश
मंगल सिंह, निवासी देहरादून
रोझा सिंह, निवासी देहरादून
राजानाथ, निवासी देहरादून
राहुल जोशी, निवासी देहरादून
सलीम, निवासी देहरादून
काकू, निवासी, टपरी बस्ती हरिद्वार
कोमल कुमार, निवासी हाथरस (उत्तर प्रदेश)
अश्विनी कुमार, निवासी हाथरस (उत्तर प्रदेश)
रामकुमार, निवासी बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश)
सुरेश लाल, निवासी बलिया (उत्तर प्रदेश)
प्रदीप, निवासी सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)
अजय चौहान, निवासी सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)
रामकृष्ण, निवासी जगाधरी यमुनानगर (हरियाणा)
शौकी नाथ, निवासी यमुनानगर (हरियाणा)
मदन सिंह सामंत, निवासी जिला हरिद्वार
शिनभु नाथ, निवासी अलवर (राजस्थान)
सुगन योगी, निवासी अलवर (राजस्थान)
मोहन जोगी, निवासी दौसा (राजस्थान)
नवल सिंह, निवासी अलवर (राजस्थान)
भगवान सह, निवासी दौसा (राजस्थान)
हरिओम योगी, निवासी दौसा (राजस्थान)
गिरधारीलाल, निवासी राजस्थान
अर्जुन दास, निवासी असम
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कौन था कालनेमि?
कालनेमि हिंदू पौराणिक कथाओं का एक पात्र है। रामायण से जुड़ी कथाओं के अनुसार कालनेमि लंकापति रावण का मामा था। ये बहुत ही मायावी था। उसे हर रूप बदलने में महारत हासिल थी। राम रावण युद्ध में जब लक्ष्मण, मेघनाद के बाण से मूर्छित हो गए थे, तो हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने गए थे। रावण ने हनुमान जी को रोकने के लिए कालनेमि को भेजा था। कालनेमि ने अपनी मायावी शक्तियों के जरिए हनुमान जी को रोकने की कोशिश की। शंकर स्वयं केसरीनंदन यानी हनुमान जी, कालनेमि को पहचान गए। इसके बाद हनुमान जी ने कालनेमि का वध कर दिया था।