राष्ट्रीय कवि श्रीराम शर्मा ‘प्रेम’ के गीतों ने क्रांतिकारियों में जगाया था जोश
राष्ट्रीय कवि श्रीराम शर्मा 'प्रेम' की पुण्यतिथि पर विशेष, 1942 के अंग्रेज़ों भारत छोड़ो आन्दोलन में गिरफ्तार किये गये थे प्रेम, सैंट्रल सैक्रेटिएट दिल्ली में यूनियन जैक के सामने फहराया था अपना झंडा

देहरादून: देश को आजाद कराने में जहां शहीद भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों की भूमिका थी, वहीं महात्मा गांधी और पं. नेहरू के योगदान को भी नहीं भुलाया जा सकता। यही नहीं, क्रांतिकारियों में जोश पैदा करने वाले कवि भी किसी क्रांतिकारी से कम नहीं थे। इन्हीं क्रांतिकारी कवियों में से एक थे महान स्वतंत्रता सेनानी एवं राष्ट्रीय कवि श्रीराम शर्मा ‘प्रेम’, जिनकी आज पुण्यतिथि भी है।
स्वतंत्रता सेनानी एवं राष्ट्रीय कवि श्रीराम शर्मा ‘प्रेम’1942 के अंग्रेज़ों भारत छोडो़ आन्दोलन में गिरफ्तार किये गये। सैंट्रल सैक्रेटिएट दिल्ली में यूनियन जैक के सामने झंडा फहराया। उन्हें फिरोज़पुर जेल में दो वर्ष की कठोर सज़ा हुई। उन्होंने जेल में कविताएं लिखीं। उनके इस महान बलिदान के विषय में सूचना जन संपर्क विभाग उत्तर प्रदेश की पुस्तक मे वर्णन है कि यह साहसिक कार्य देहरादून के सत्याग्रही श्रीराम शर्मा प्रेम ने किया। और इतिहास में अमर हो गये।
उनका जन्म दोस्तपुर सुल्तानपुर मे हुआ पर वे पंद्रह वर्ष की अल्पायु मे गांव छोड़ पर स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े।
1946 को देहरादून आकर बस गये।
देहरादून में वे साहित्यिक पहचान के प्रतीक पुरुष रहे।
उनके बारे में महान लोगों ने अपनी पुस्तकों मे लिखा है। जिन्होने उनपर लिखा उनमे भक्त दर्शन, ( गढ़वाल की दिवंगत विभूतियाँ) , कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर ने 1969 के नवभारत टाइम्स में उनकी जीवनी, और शेखर पाठक ने सरफ़रोशी की तमन्ना मे गौरवशाली उल्लेख किया है।
महाकवि त्रिलोचन शास्त्री उनके बाल सखा थे।
देश के वरिष्ठ साहित्यकारों ने उनपर संस्मरण लिखे हैं। यह सब पांच ग्रंथों मे प्रकाशित हुआ है, जिसके संपादक डॉ. अतुल शर्मा व सह संपादन रेखा शर्मा व रंजना शर्मा है।
उनकी दो कविताएं गढ़वाल विश्व विद्यालय के पाठ्यक्रम मे पढाई जाती रही है। उन पर आकाशवाणी देहरादून ने रेडियो रुपक तैयार किया और जयप्रकाश पंवार जेपी ने उन पर एक महत्वपूर्ण डाक्यूमेंट्री तैयार की है।
मसूरी कविता इतिहास कार जयप्रकाश उत्तराखण्डी ने अपनी पुस्तक मे पहले पृष्ठ पर छापी है। डॉ. अमिताभ शर्मा ने उनके साहित्य पर लघु शोध लिखा था। प्रतिष्ठित साहित्यकार कार व कुलपति रहे डा. हरिमोहन ने सभी राष्ट्रीय पत्रिकाओ में लेख लिखे। श्रीराम शर्मा प्रेम सम्मान हर वर्ष दिया जाता है। इनमें डा. गिरिजा व्यास, डॉ. हरिदत्त भट्ट शैलेश, डॉ. धनंजय सिंह, विवेकानंद खंडूरी रविन्द्र जुगरान श्रीगोपाल नारसन, जगमोहन सिंह नेगी, प्रदीप कुकरेती, राम लाल खंडूरी, जयप्रकाश पंवार जेपी आदि बहुत से नाम हैं।
_ डॉ. अतुल शर्मा (लेखक श्रीराम शर्मा प्रेम के पुत्र हैं)