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कवियों ने जीवंती देवी को दी काव्यांजलि

'जीवन्ती’ देवभूमि साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था का आयोजन

देहरादून: रविवार को ‘जीवन्ती’ देवभूमि साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था के तत्वावधान में अखिल भारतीय महिला आश्रम, कांवली रोड, देहरादून में एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न हुआ। यह कवि सम्मेलन संस्था की प्रेरणा-स्रोत स्वर्गीय जीवन्ती देवी की पुण्यतिथि पर किया गया था। समस्त साहित्यकारों एवं प्रतिभागियों ने श्रद्धांजलि स्वरूप अपनी भावांजलि अर्पित करते हुए माता के अवदान को स्मरण किया।
यह आयोजन विशेष रूप से 100 बालिकाओं एवं वयोवृद्ध माताओं को समर्पित था। बालिकाओं की जिज्ञासा, रचनात्मकता तथा कोमल भावनाओं ने कार्यक्रम को विलक्षण गरिमा प्रदान किया।
20 शिक्षिकाओं की उपस्थिति ने इस साहित्यिक महायज्ञ को सृजन-संस्कार का सजीव मंच प्रदान किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ-
कार्यक्रम का शुभारंभ मणि अग्रवाल ‘मणिका’ जी की मधुर वाणी-वंदना से हुआ, जिसने वातावरण को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ऊर्जा से आलोकित कर दिया। समस्त कार्यक्रम का सुगठित संचालन संस्था की अध्यक्ष श्रीमती कविता बिष्ट ‘नेह’ द्वारा किया गया, जिनकी ओजस्वी एवं सरस वाणी ने श्रोताओं को भाव-रस में सराबोर कर दिया।
आयोजन की अध्यक्षता एवं मुख्य अतिथि-
इस गरिमामय आयोजन की अध्यक्षता डॉ. विद्युत प्रभा चतुर्वेदी ‘मंजू’ जी ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. पूजा पोखरियाल (प्रबंध निदेशक, सनराइज़ एकेडमी मैनेजमेंट सोसाइटी, देहरादून) उपस्थित रहीं। विशिष्ठ अतिथि आश्रम के पदाधिकारी विमला सिंह, सविता, क्षमा रहीं। देहरादून के वरिष्ठ कवियों में श्री के.डी. शर्मा जी, मशहूर शायर अम्बर खरबंदा जी, श्रीकांत ‘श्री’ जी सहित अनेक वरिष्ठ साहित्यकारों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
सामाजिक उत्तरदायित्व में सहभागिता-
संस्था ने सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हुए वयोवृद्ध महिलाओं को वस्त्र वितरण एवं बालिकाओं को खाद्य सामग्री वितरण का पुनीत कार्य किया। इस सहभागिता ने आयोजन को साहित्यिक उत्सव के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों की जीवंत अभिव्यक्ति बना दिया।
सम्मान सत्र में समस्त अतिथियों ने बालिकाओं को उनके गुण, कौशल एवं जिज्ञासा के लिए सम्मानित किया। कार्यक्रम में कविता बिष्ट ‘नेह’ ने “हमारे लिए जान से प्यारी है ये बेटियाँ” अपने प्रेरणास्पद गीतों से बालिकाओं के हृदय को स्पर्श किया। मणि अग्रवाल ‘मणिका’ ने “संचित हों पुण्य कर्म तो आती हैं बेटियाँ” प्रस्तुत करके सभी श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। डॉ. विद्युत प्रभा चतुर्वेदी ‘मंजू’ ने “बेटी से घर-बार है, बेटी से संसार। दो-दो कुल को तारतीं, बेटी खेवनहार” सुनाकर मंत्र मुग्ध कर दिया। डॉ. भारती मिश्रा ने “मैं समय की बेटी हूं” सुनाकर खूब तालिया बटोरी। रेखा जोशी ने “रोको मत माँ आने दो मुझको” भावपूर्ण रचना सुनाकर भाव-विभोर कर दिया।
समस्त कवयित्रियों ने काव्य-पाठ के माध्यम से सृजन, सेवा एवं संस्कृति का दिव्य संदेश प्रदान किया। प्रत्येक रचना में मातृत्व की ममता, करुणा और वात्सल्य सहज ही प्रकट हुआ, जिसने श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। श्रीमती निशा ‘अतुल्य’ जी ने “शारदे की कृपा हो हमेशा। ज्ञान दो दूर हो माँ कलेशा” प्रस्तुति देकर मंत्रमुग्ध कर दिया। श्रीमती शोभा पाराशर जी ने “उच्च हिमालय पर्वत माला। चरणों में गंगा धारा है” प्रस्तुत करके मृदुल भाव से सराबोर कर दिया। डॉ. क्षमा कौशिक जी ने शिव स्तुति कर सबका मन मोह लिया। श्रीमती महिमा ‘श्री’ जी ने पर्यावरण संरक्षण में कविता पाठ करके खूब तालियाँ बटोरी।श्रीमती विमला सिंह जी ने प्रकृति-पर्यावरण पर सुन्दर प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया ।
बालिकाओं का सृजनात्मक सहभाग-
यशस्वी बालिकायें प्रिय अंशु चौहान,दिया,साक्षी रावत,साक्षी चौहान,प्रिया द्वारा प्रस्तुत कविताओं और गीतों ने सभागार में उत्साह और गौरव का वातावरण रच दिया। उनकी सृजनशीलता और आत्मविश्वास ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि उचित मार्गदर्शन और अवसर मिले तो वंचित वर्ग की बालिकाएं भी उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर सकती हैं। इसमें शिक्षिकाओं, सेविकाओं एवं समर्पित कार्यकर्ताओं का योगदान रहा।
संस्था की भविष्यगत योजनाएं-
संस्था का यह सतत प्रयास रहेगा कि बालिकाओं को संस्कारयुक्त शिक्षा, लेखन क्षमता का विकास, पुस्तक प्रेम तथा वैचारिक परिपक्वता हेतु विविध रचनात्मक गतिविधियाँ संचालित की जाएं। समाज में अपने आत्मबल, आत्मविश्वास और रचनात्मकता के साथ एक नवीन दिशा प्रदान कर सकें।
मुख्य अतिथि डॉ. पूजा पोखरियाल जी ने सभी बालिकाओ को आशीर्वचन प्रदान किया और संस्था की कार्यों की सराहना तथा सभी कवयित्रियों को सुन्दर प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देकर काव्य सभा को पूर्णता प्रदान किया। अध्यक्ष डॉ. विधुतप्रभा चतुर्वेदी ‘मंजू’ ने सभी को शुभकामनाएं प्रेषित करके आशीर्वचन प्रदान किया। संस्था की संस्थापिका कविता बिष्ट ‘नेह’ ने सभी का आभार व्यक्त किया और बालिकाओं के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए सभी को स्नेहाशीष दिया। ‘जीवन्ती देवभूमि साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था’ के सदस्य डॉ. क्षमा कौशिक, मणि अग्रवाल ‘मणिका’, रेखा जोशी और कविता बिष्ट ‘नेह’ ने अखिल भारतीय महिला आश्रम की सदस्यता बनीं।
सभी सदस्य आश्रम के पुनीत कार्य में साहित्यिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपना सहयोग देंगी। यह कार्यक्रम नीरू अग्रवाल, विमला सिंह, सविता, क्षमा एवं आश्रम के समस्त पदाधिकारियों के सहयोग से संभव हो सका। अंत में अखिल भारतीय महिला आश्रम के समस्त पदाधिकारीगण, व्यवस्थापक, सेवाव्रती शिक्षकगण तथा समर्पित सहयोगियों को ‘जीवन्ती’ देवभूमि संस्था की ओर से हृदयतल से साधुवाद अर्पित किया गया, जिनके अथक प्रयासों से यह आयोजन साहित्य, सेवा और संस्कार की त्रिवेणी बन सका।

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