मित्र लोक की कवि गोष्ठी में बरसे सावन के रंग

देहरादून: साहित्यिक संस्था ‘मित्र लोक’ की ओर से संस्था की लाइब्रेरी में रविवार को आयोजित मासिक काव्य गोष्ठी में जहां कवियों ने सावन से संबंधित रचनाएं सुनाई, वहीं गीत-ग़ज़लों में मानवीय संवेदनाओं को भी जाहिर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आनंद दीवान ने जबकि पवन शर्मा ने प्रभावी संचालन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत युवा कवयित्री स्वाति मौलश्री और उनके गुरु वीरेंद्र सिंह ने मां वाणी की वंदना से की और इसके बाद काव्य पाठ का सिलसिला शुरू हुआ। सबसे पहले आनंद सिंह आनंद ने श्रृंगार रस की कविता सुनाई। वरिष्ठ कवि सतीश बंसल और सत्यप्रकाश शर्मा सत्य ने काव्य गोष्ठी को ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। सतेन्द्र शर्मा तरंग ने अपने गीत और सवैया छंद से वाहवाही बटोरी। शिव मोहन सिंह के गीत और दोहे भी पसंद किए गए। वरिष्ठ शायर शिवचरण शर्मा मुज़्तर ने तरन्नुम से ग़ज़ल सुनाकर समां बांध दिया। शायर दर्द गढ़वाली ने ज़िंदगी की तल्ख़ हकीकत पेश की। वरिष्ठ कवि अशोक शर्मा ने अपनी रचना से सनातन धर्मियों में जोश जगाया। पवन शर्मा ने माहिया सुनाकर तालियां बटोरी। हरीश रवि और नरेंद्र शर्मा की व्यंग्य रचनाएं काबिले-तारीफ रही। इसके अलावा, संजय प्रधान, नरेंद्र दीक्षित, रमेश चंद्र राजन, सुभाष चन्द्र वर्मा ने भी अपनी रचनाओं से वाहवाही लूटी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आनंद दीवान ने अपनी क्षणिकाओं से सोचने को मजबूर किया।