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अग्निवीरों के क्षैतिज आरक्षण को मंजूरी, धर्मांतरण कानून और सख्त

-उत्तराखंड धामी कैबिनेट में कुल 26 प्रस्ताव हुए पास, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति में उपाध्यक्ष का एक पद अलग से होगा सृजित

देहरादून: जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की आचार संहिता के बीच बुधवार को उत्तराखंड धामी कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। सचिवालय में सीएम धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 26 प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिसमें आधे से ज्यादा प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर लगी। इसके साथ ही श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति में उपाध्यक्ष का एक पद अलग से सृजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। अभी तक मंदिर समिति में उपाध्यक्ष पद नहीं था।

  इन प्रस्तावों में सबसे अहम अग्निवीरों को लेकर फैसला लिया गया है। दरअसल, अग्निवीर सेवा पूरी करने वाले अभ्यर्थियों को उत्तराखंड सरकार ने सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था को कैबिनेट ने हरी झंडी दी है। इसमें अभ्यर्थियों की आयु में छूट देने का प्रस्ताव भी पास किया गया है। इसके साथ ही फैसला लिया गया है कि सिडकुल के 5 प्रतिशत काम उत्तराखंड के लोगों को दिए जाएंगे, जिसका लाभ उत्तराखंड मूल के औद्योगिक संस्थानों के अभ्यर्थियों को मिलेगा।

  धर्मांतरण कानून को और भी ज्यादा सख्त किया गया है। कानून में संशोधन करते हुए गैंगस्टर जैसे कानून लागू किए जाएंगे। इसके साथ ही ऐसे मामलों में दोषी को 14 साल तक की सजा दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

वहीं, संविदा आउटसोर्स कर्मचारियों की उनके विभागों में उत्पन्न हो रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा। ये समिति विभागीय प्रस्तावों के आधार पर जांच कर अपनी संस्तुतियां मुख्यमंत्री को देगी। एक फैसले में पंतनगर में बन रहे एयरपोर्ट पर जाने वाली नेशनल हाईवे के एलाइनमेंट चेंज में आने वाले खर्च के लिए लाई गई योजना में स्टेट जीएसटी को माफ कर दिया गया है।

वनीकरण निधि प्रबंधन, प्राधिकरण की वार्षिक रिपोर्ट को कैबिनेट की संस्तुति दी गई। उत्तराखंड परियोजना विकास एवं निर्माण निगम के ढांचे का पुनर्गठन किया गया है, जिसमें कुल 95 पदों का सृजन, जो सिंचाई विभाग से डेपुटेशन पर होंगे।

सहकारिता विभाग में उत्तराखंड सहकारी संस्थागत सेवा मंडल का गठन किया गया है, जिसके तहत सहकारी बैंकिंग सेक्टर से संबंधित भर्ती आईबीपीएस के माध्यम से होगी।

इसके अलावा, लखवाड़ बहुउद्देशीय जल विद्यतु परियोजना के लिए देहरादून जनपद के ग्रामों में अधिग्रहण किए जाने वाली भूमि की दरें, जनपद टिहरी के ग्रामों के समक्षक की गई। उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड, के वर्ष 2021-22 के वार्षिक वित्तीय प्रतिवेदन को विधानसभा पटल पर प्रस्तुत करने को मंजूरी दी गई। विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 104 (4) के अंतर्गत उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के वित्तीय वर्ष 2023-24 के वार्षिक लेखा विवरण को विधानमंडल के पटल पर रखे जाने को मंजूरी मिली।कंपनी अधिनियम 2013, की धारा 395 (बी) के अनुपालन के क्रम में उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड के वित्तीय वर्ष 2023-24 के वार्षिक प्रतिवेदन को विधानसभा के पटल पर रखे जाने का फैसला लिया गया।

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यह फैसले भी हुए

 उत्तराखंड पशुपालन विभाग सांख्यिकीय सेवा नियमावली 2025 का प्राध्यापन। उत्तराखंड वित्त सेवा (संशोधन) नियमावली 2025 को मंजूरी मिली। वहीं, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की नियमावली को हरी झंडी दी गई है। इसी कड़ी में सूचना प्रौद्योगिकी, सुराज एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग एवं नवाचार (STI) नीति 2025 को मंजूरी मिली है। राजकीय औद्योगिक संस्थानों में शेड/ भूखंडों के आवंटन/ निरस्तीकरण/ स्थानांतरण/ किराया आदि के संबंध में एकीकृत प्रक्रिया में संशोधन को मंजूरी दी गई।

उत्तराखंड उच्चतर न्यायिक सेवा (संशोधन), नियमावली 2025 मंजूर। उत्तराखंड भू संपदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) के वार्षिक प्रतिवेदन 2023-24 को विधानसभा में सदन पटल पर रखे जाने को मंजूरी मिली। ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत प्रादेशिक विकास सेवा नियमावली 2011 में संशोधन को मंजूरी। उत्तराखंड पंचायतीराज (संशोधन) विधेयक 2025 को विधानसभा के समक्ष फिर से स्थापित किए जाने को भी मंजूरी दी गई।

 

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