वोट डकैती के खिलाफ कांग्रेसी सड़कों पर उतरे, भाजपा सरकार पर बरसे, गिरफ्तार

देहरादून : प्रदेश में कानून व्यवस्था के ध्वस्त होने, महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार, भ्रष्टाचार और त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों में कथित वोट डकैती को लेकर मंगलवार को कांग्रेस ने राज्य सरकार के खिलाफ राजभवन कूच किया। इस दौरान राजधानी की सड़कों पर कांग्रेसियों का गुस्सा फूटा और सरकार विरोधी नारे गूंज उठे।
राजभवन कूच का नेतृत्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, हीरा सिंह बिष्ट, शूरवीर सजवाण समेत कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेताओं ने किया। हजारों कार्यकर्ता कांग्रेस मुख्यालय से जुलूस की शक्ल में निकले और राजपुर रोड, बहल चौक, दिलाराम बाजार होते हुए कैंट रोड तक पहुंचे। जुलूस के दौरान कार्यकर्ता हाथों में झंडे-बैनर थामे हुए थे और ‘भ्रष्टाचार बंद करो’, ‘महिलाओं पर अत्याचार बंद करो’, ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’, ‘वोट चोर गद्दी छोड़ो’ जैसे नारे लगाते रहे। नारों की गूंज से राजधानी का माहौल गरमा गया।
प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने राजभवन मार्ग पर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए। हाथीबड़कला पुलिस चौकी के पास बैरिकेडिंग लगाकर कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश की गई। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की हुई, कई नेता बैरिकेडिंग पर चढ़ गए और कार्यकर्ता वहीं धरने पर बैठ गए। आखिरकार सिटी मजिस्ट्रेट और एसपी की मौजूदगी में लगभग डेढ़ सौ नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले जाया गया, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया।
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर तीखे हमले बोले।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि “प्रदेश में अपराधियों और माफियाओं का बोलबाला है। भाजपा नेताओं की शह पर महिलाओं पर हमले बढ़ रहे हैं। पंचायत चुनावों में आयोग की मिलीभगत से भाजपा ने वोट डकैती की है और आपदा प्रबंधन भी पूरी तरह नाकाम है। राज्य को भाजपा सरकार ने बिहार–यूपी जैसी स्थिति में पहुंचा दिया है।”
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि “भाजपा सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था और रोजगार हर मोर्चे पर असफल रही है। जनता को सिर्फ निराशा और बदहाली मिली है।”
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने ऐलान किया कि “अब कांग्रेस की लड़ाई आर-पार की होगी। आने वाले 2027 विधानसभा चुनाव तक भाजपा सरकार के खिलाफ एक व्यापक जन आंदोलन छेड़ा जाएगा।” कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर मांग की कि ध्वस्त कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार और महिला विरोधी अपराधों को रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप किया जाए और जनता की आवाज को सुना जाए।