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प्रदेश में युद्धस्तर पर जारी है आपदा प्रबंधन एवं राहत कार्य

- अब तक 1747 सड़कों को खोल दिया गया है, जबकि 80 सड़कों पर कार्य प्रगति पर

देहरादून: प्रदेश में आपदा प्रबंधन एवं राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। भारी बारिश व मलबा आने से अवरुद्ध मार्गों को खोलने के लिए लगातार कार्यवाही की जा रही है। अधिकारियों को दिए गए निर्देशों के क्रम में अब तक 1747 सड़कों को खोल दिया गया है, जबकि 80 सड़कों पर कार्य प्रगति पर है। मलबे और भूस्खलन से बाधित 95.62% सड़कों पर यातायात बहाल हो चुका है।
जहाँ-जहाँ मलबा आने की संभावना थी, वहाँ पहले से ही जेसीबी मशीनें और आवश्यक संसाधनों की तैनाती की गई थी। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि सड़क बंद होते ही तत्काल कार्यवाही प्रारम्भ की जाए। परिणामस्वरूप प्रभावित क्षेत्रों में मार्ग तेजी से खोले जा रहे हैं और जनता को राहत मिल रही है।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है और राहत एवं बचाव कार्यों की नियमित समीक्षा भी कर रहा हूं। प्रदेशवासियों की सुरक्षा और सुविधा हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सड़क, बिजली, पानी व आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति निर्बाध रहे, इसके लिए निरंतर निगरानी और त्वरित कदम उठाए जा रहे हैं।
प्रदेश में भारी बारिश के कारण आपदा से हुए नुकसान के दृष्टिगत सभी उच्चाधिकारियों एवं जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। सभी अधिकारियों, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, उत्तराखंड पुलिस को अलर्ट मोड पर रहने के साथ ही नदियों के जल स्तर की निरंतर मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं।
आपदा की इस घड़ी में प्रदेश सरकार प्रभावितों के साथ खड़ी है। शासन-प्रशासन के साथ सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं साथ ही प्रभावितों को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। बंद सड़क मार्गों को खोलने का कार्य भी निरंतर जारी है। विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए अधिकारियों को राशन, उपचार आदि की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
पिथौरागढ़ में धौली गंगा जल विद्युत परियोजना की टनल को नुकसान पहुंचने एवं कुछ श्रमिकों के फंसे होने की सूचना भी प्राप्त हुई है, जिन्हें रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकालने का कार्य जारी है। अब तक आठ श्रमिकों को बाहर निकाला जा चुका है, शेष श्रमिकों का रेस्क्यू जारी है।

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