निष्पक्ष और सबल लोकतांत्रिक परंपरा लोकतंत्र के स्वर्णिम भविष्य की गारंटी है: प्रो. प्रीति कुमारी
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जोशीमठ में आजादी का पर्व लोकतंत्र का गर्व* विषय पर भाषण, पोस्टर/स्लोगन और क्विज़ आयोजित

ज्योतिर्मठ : संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा , उत्तराखंड शासन और जिला निर्वाचन अधिकारी चमोली के आदेश के क्रम में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जोशीमठ की मतदाता जागरूकता क्लब/स्वीप इकाई के संयुक्त तत्वावधान में *आजादी का पर्व लोकतंत्र का गर्व* विषय पर भाषण, पोस्टर/स्लोगन और क्विज़ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया, ताकि लोकतंत्र के पर्व का संदेश राष्ट्र निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले युवा वर्ग तक जा सके।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. प्रीति कुमारी ने कहा कि सबल और पारदर्शी लोकतांत्रिक भारत के स्वर्णिम भविष्य की बुनियाद है इसलिए सभी को न केवल अपने लोकतांत्रिक अधिकारों और उत्तरदायित्वों की जानकारी होनी चाहिए बल्कि चुनाव सहित प्रत्येक लोकतांत्रिक उत्सव में आम जनता को भाग लेना चाहिए। मतदाता जागरूकता क्लब के नोडल अधिकारी और राजनीतिक विश्लेषक डॉ. राजेन्द्र सिंह राणा ने कहा कि लोकतंत्र में कर्तव्यों का पालन करके ही अधिकारों की बात करने का नैतिक साहस मिल पाता है इसलिए युवाओं को स्वयं भी कर्मनिष्ठ होना है और अपने ग्राम और समुदाय को भी जागरूक करना है। इस अवसर पर आयोजित *पोस्टर प्रतियोगिता* में रिस्पना रावत बीए प्रथम सेमेस्टर ने प्रथम स्थान , प्रिया बी ए प्रथम सेमेस्टर ने द्वितीय स्थान और अनुपमा बीए पंचम सेमेस्टर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। *स्लोगन प्रतियोगिता* में हेमा बी ए प्रथम सेमेस्टर ने प्रथम स्थान , महिमा भुजवाण प्रथम सेमेस्टर ने द्वितीय स्थान , और सीमांत सिंह फर्स्वाण बी ए प्रथम सेमेस्टर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया । *भाषण प्रतियोगिता* जिसका विषय “भारतीय निर्वाचन : चुनौतियां एवं सुधार” था, में प्रभा बीए प्रथम सेमेस्टर ने प्रथम स्थान, पूर्णिमा बीए पंचम सेमेस्टर द्वितीय स्थान , व विशाखा बागड़ी बी ए तृतीय सेमेस्टर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया । इसी प्रकार राजनैतिक जागरूकता पर आधारित क्विज प्रतियोगिता में हिमेश फर्स्वाण कक्षा बी ए पंचम सेमेस्टर प्रथम स्थान , पूर्णिमा कक्षा बी ए पंचम सेमेस्टर द्वितीय स्थान व सीमांत फर्स्वाण कक्षा बी ए प्रथम सेमेस्टर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया । इस अवसर पर वरिष्ठ प्रोफेसर सत्यनारायण राव भी उपस्थित रहे। डॉ. शैलेन्द्र रावत, डॉ. किशोरी लाल, डॉ. नवीन पंत, डॉ. धीरेंद्र सिंह ने निर्णायक की भूमिका निभाई ।