युवाओं के आंदोलन को तोड़ने की कोशिशें शुरू
कोई नकल जिहाद तो कोई माओवादी का दे रहा रंग

देहरादून: यूकेएसएसएससी की असिस्टेंट रिव्यू ऑफिसर, पटवारी, लेखपाल, ग्राम विकास/ पंचायत अधिकारी समेत ग्रेजुएट लेवल के 416 पदों के लिए आयोजित परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के विरोध में चलाए जा रहे युवाओं के आंदोलन को तोड़ने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। कोई इसे नकल जेहाद तो कोई इसे जेएनयू के आजादी नारे से जोड़ रहा है। यही नहीं कुछ सोशल मीडिया पेज और एनफ्लूएंजर भी माओवादियों से जोड़कर इस आंदोलन को बदनाम करने की फिराक में हैं।
पेपर लीक प्रकरण की सीबीआई जांच को लेकर आंदोलित युवाओं के तेवर देखकर प्रशासन से लेकर शासन में बैठे अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए हैं। युवा आंदोलनकारी प्रकरण की सीबीआई जांच से कम पर मानने को राजी नहीं हैं, वहीं अधिकारी आंदोलन समाप्त करने को हर तरह के प्रयास में लगे हैं। इस बीच, डीएम सविन बंसल और एसएसपी अजय कुमार के आंदोलन समाप्त करने की अपील को भी युवा आंदोलनकारियों ने ठुकरा दिया है।
उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले को नकल जिहाद से जोड़कर आंदोलन की हवा निकालने की कोशिश की वहीं जौनसार के भाजपा नेता गीताराम गौड़ ने उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बाबी पंवार को आंदोलन का राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप लगाते हुए विरोध करने की बात कही। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि आंदोलन स्थल को शाहीन बाग बनाया जा रहा है। विधायक विनोद चमोली कह रहे हैं कि आंदोलन में जेएनयू की एंट्री हो गई है। कुछ सोशल मीडिया वाले भी आंदोलन को माओवादी ठहराकर जानबूझकर उसे कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
इन सबके बीच उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार और बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल का कहना है कि सरकार यदि मामले की सीबीआई जांच और पेपर निरस्त करने का आदेश दे दे तो आंदोलन वापस ले लिया जाएगा।
कब क्या हुआ
यूकेएसएसएससी परीक्षा से एक दिन पहले यानी 20 सितंबर को देहरादून पुलिस और एसटीएफ उत्तराखंड ने संयुक्त रूप से नकल माफिया हाकम सिंह और उसके सहयोगी पंकज गौड़ को गिरफ्तार किया
24 सितंबर, 2025 को उत्तराखंड पुलिस ने पेपर लीक के मास्टरमाइंड खालिद मलिक को हरिद्वार से गिरफ्तार किया
खालिद मलिक ने बताया कि उसने कैसे पेपर लीक किया
24 सितंबर को सीएम धामी ने कहा- युवाओं को भड़काने के लिए नकल जिहाद शुरू किया जा रहा है। मैं उन सभी नकल माफियाओं और जिहादियों को बता देना चाहता हूं कि जब तक नकल माफिया को मिट्टी में नहीं मिला दिया जाता हम चैन से नहीं बैठेंगे।
25 सितंबर को राज्य सरकार ने इस मामले की गहनता से जांच के लिए एएसपी जया बलूनी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया. टीम को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया
पेपर लीक में शामिल होने के संदेह में एक सेक्टर मजिस्ट्रेट और एक असिस्टेंट प्रोफेसर निलंबित। एक दारोगा और एक सिपाही के खिलाफ भी कार्रवाई हुई।
25 सितंबर को सीएम धामी ने कहा- ‘मैं इसको पेपर लीक नहीं कहूंगा, इसे आप नकल का प्रकरण कह सकते हो’।
उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में छात्रों और युवाओं का धरना प्रदर्शन जारी है। कांग्रेस उन्हें समर्थन दे रही है। छात्रों का कहना है कि गिरफ्तार किए गए लोग सिर्फ मोहरे हैं। असली मास्टरमाइंड अभी भी फरार हैं, इसलिए वे इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।