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एक जून से हो सकेंगे फूलों की घाटी के दीदार

दुर्लभ हिमालयी वनस्पतियों से समृद्ध है फूलों की घाटी, पांच सौ से ज्यादा प्रजाति के खिलते हैं फूल

जोशीमठ: उत्तराखण्ड के चमोली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी को इस बार एक जून से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। फूलों की घाटी अपने विभिन्न तरह के फूलों के लिए दुनिया भर में मशहूर है।

फूलों की घाटी दुर्लभ हिमालयी वनस्पतियों से समृद्ध है और जैव विविधता का अनुपम खजाना है। यहां 500 से अधिक प्रजाति के रंग बिरंगे फूल खिलते हैं। फूलों की घाटी से टिपरा ग्लेशियर, रताबन चोटी, गौरी और नीलगिरी पर्वत के विहंगम नजारे भी देखने को मिलते हैं। फूलों की घाटी 30 अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहेगी।

उप वन संरक्षक बीबी मर्तोलिया ने बताया कि फूलों की घाटी के लिए पर्यटकों का पहला दल एक जून को घांघरिया बेस कैंप से रवाना किया जाएगा। पर्यटकों को फूलों की घाटी का ट्रैक करने के बाद उसी दिन बेस कैंप घांघरिया वापस आना होगा। बेस कैंप घांघरिया में पर्यटकों के ठहरने की समुचित व्यवस्था है। फूलों की घाटी ट्रैकिंग के लिए भारतीय नागरिकों को 200 रुपए तथा विदेशी नागरिकों के लिए 800 रुपए ईको ट्रैक शुल्क निर्धारित किया गया है। फूलों की घाटी के लिए बेस कैंप घांघरिया से टूरिस्ट गाइड की सुविधा भी रहेगी।

कैसे पहुंचें फूलों की घाटी

चमोली जिले का अन्तिम बस अड्डा गोविन्दघाट 275 किमी दूर है। जोशीमठ से गोविन्दघाट की दूरी 19 किमी है। यहाँ से प्रवेश स्थल की दूरी लगभग 13 किमी है जहाँ से पर्यटक 3 किमी लम्बी व आधा किमी चौड़ी फूलों की घाटी में घूम सकते हैं।

विश्व धरोहर

2005 में फूलों की घाटी को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। फ्लावर नेशनल पार्क की घाटीउत्तराखंड राज्य के उत्तरी चमोली में स्थित है।

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