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पर्यटकों के लिए खुले फूलों की घाटी के द्वार

डीएफओ बीबी मर्तोलिया ने 48 पर्यटकों को किया रवाना, फूलों की घाटी में खिलते हैं पांच सौ प्रजाति के रंग-बिरंगे फूल

चमोली: चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी के प्रवेश द्वार शनिवार सुबह प्रकृति और पर्यटकों के लिए खोल दिए गए। इससे पहले नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ बीबी मर्तोलिया पूरी टीम के साथ घांघरिया बेस कैंप पहुंचे। आम पर्यटकों के लिए फूलों की घाटी 31 अक्टूबर तक खुली रहेगी।

उप वन संरक्षक बीबी मर्तोलिया ने घांघरिया बेस कैंप से 48 पर्यटकों के पहले दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। डीएफओ ने बताया कि सेंचुरी एरिया होने के कारण पर्यटक फूलों की घाटी में रात्रि को नहीं रुक सकते हैं।

पांच सौ से अधिक प्रजाति के फूल
फूलों की घाटी दुर्लभ हिमालयी वनस्पतियों से समृद्ध है और जैव विविधता का अनुपम खजाना है। यहां 500 से अधिक प्रजाति के रंग बिरंगे फूल खिलते हैं। फूलों की घाटी से टिपरा ग्लेशियर, रताबन चोटी, गौरी और नीलगिरी पर्वत के विहंगम नजारे भी देखने को मिलते हैं।

कैसे पहुंचें फूलों की घाटी
चमोली जिले का अन्तिम बस अड्डा गोविन्दघाट 275 किमी दूर है। जोशीमठ से गोविन्दघाट की दूरी 19 किमी है। यहाँ से प्रवेश स्थल की दूरी लगभग 13 किमी है जहाँ से पर्यटक 3 किमी लम्बी व आधा किमी चौड़ी फूलों की घाटी में घूम सकते हैं।

विश्व धरोहर है फूलों की घाटी
2005 में फूलों की घाटी को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। फ्लावर नेशनल पार्क की घाटीउत्तराखंड राज्य के उत्तरी चमोली में स्थित है।

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