
देहरादून: उत्तराखंड में वर्ष 2023 में चोर, डकैत और जालसाजों ने जनता की 47 करोड़ रुपये से अधिक की गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ कर लिया। पुलिस ने ऐसे आरोपियों पर शिकंजा कसने की भरसक कोशिश तो की, लेकिन करीब 24 करोड़ रुपये की वसूली ही हो पाई। बाकी का माल आरोपियों ने कहां पचाया, इसका हिसाब मिलना अभी बाकी है। अपराधों का यह लेखा-जोखा आरटीआई कार्यकर्ता नदीम उद्दीन की ओर से पुलिस मुख्यालय से मांगी गई जानकारी में सामने आया है। इसके साथ ही उन्होंने हत्या, बलात्कार और अपहरण जैसे संगीन मामलों में की गई कार्रवाई पर भी जानकारी प्राप्त की है। जिसमें मामला करीब 50-50 प्रतिशत का बनता है। इससे एक बात यह भी सामने आ रही है कि हत्या और बलात्कार जैसे मामलों में शिकायतकर्ता रटी-रटाई कहानी भी बुन रहे हैं। जिसके चलते पुलिस को एफआर (फाइनल रिपोर्ट) भी लगानी पड़ रही है।
आरटीआई कार्यकर्ता नदीम उद्दीन की ओर से आरटीआई में प्राप्त की गई जानकारी के मुताबिक वर्ष 2023 में विभिन्न अपराधों में 47 करोड़ 61 लाख 79 हजार 582 रुपये की संपत्ति चोरी की गई है। जबकि बरामदगी की बात की जाए तो 24 करोड़ 93 लाख 55 हजार 107 रुपये ही वापस मिल पाए हैं। इसमें चोरी के अपराधों में 20 करोड़ 82 लाख 33 हजार 60 रुपये, सेंधमारी के अपराधों में 10 करोड़ 75 लाख 73 हजार 54 रुपये, लूट के अपराधों में 1 करोड़ 5 लाख 88 हजार 424 रुपये तथा डकैती के अपराधों में 14 करोड़ 97 लाख 85 हजार 44 रुपये की संपत्ति पर हाथ साफ किया गया है।
4408 मामलों में गले नहीं उत्तरी बलात्कार और लूट की कहानी, केस बंद
वर्ष 2023 में उत्तराखंड पुलिस ने 11 हजार 952 अपराधिक केस दर्ज किए। जबकि 4408 केसों में फाइनल रिपोर्ट लगाकर केस को बंद किया गया है। हालांकि, लगभग 50 प्रतिशत 6027 केसों में चार्जशीट लगाकर अपराधियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया को आगे भी बढ़ाया गया। गौर करने वाली बात यह है कि लूट,अपहरण और बलात्कार जैसे मामलों में पुलिस को कहानी गले नहीं उतरी। ऐसा संभव भी है। लेकिन, हत्या जैसे मामलों में केस बंद किया जाना विचारणीय जरूर है।