उत्तराखंडदुर्घटना

वरुणावत क्षेत्र में भूस्खलन से कई वाहन दबे

उत्तरकाशी: जिला मुख्यालय व आसपास के क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा के बाद रात करीब पौने दो बजे वरुणावत की तलहटी गोफियारा जल संस्थान कालोनी व स्टोर के निकट के पहाड़ी से भूस्खलन होने से काफी मात्रा में पत्थर व मलबा गिरा है। जिससे इलाके में हड़कंप मच गाय। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग व गोफियारा कालोनी में सड़कों पर खड़े कई वाहन मलबे में दब गए हैं।

वाहन स्थानीय लोगों के बताए जा रहे हैं। फिलहाल जनहानि की सूचना नहीं है। भटवाड़ी रोड व गोफियारा जलसंस्थान कालोनी के निकट रहने वाले एक दर्जन से अधिक परिवारों को काली कमली धर्मशाला में शिफ्ट किया गया है। जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट एवं अन्य अधिकारी, जनपद आपातकालीन परिचालन केंद्र से स्थिति पर नजर रख रहे हैं।

जिलाधिकारी ने बताया कि भूस्खलन से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। एसडीआएफ व प्रशासन की टीम गोफ़ियारा क्षेत्र में मौजूद है।

पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने भी मौके पर पंहुचकर लोगों से अलर्ट रहते हुए सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की। बताया कि उत्तरकाशी से तेखला की ओर ट्रैफिक को जीरो जोन किया गया है, यातायात को मनेरा बाईपास की ओर से डायवर्ट किया गया है। पुलिस टीमें लगातार पेट्रोलिंग कर रही हैं।

असी और वरुणा नदियों के बीच उत्तरकाशी शहर वरुणावत पर्वत की तलहटी में बसा हुआ है। वरुणावत पर्वत पंचकोसी वारुणी यात्रा के साथ इस पर स्थित पौराणिक मंदिराें के लिए तो प्रसिद्ध है ही। यह वर्ष 2003 के विनाशकारी भूस्खलन के लिए याद किया जाता है। साल 2003 में अचानक ही इस पर्वत से जब भूस्खलन शुरू हुआ था। उस भूस्खलन में भटवाड़ी रोड के कई बहुमंजिला भवन जमीदोंज हो गए थे। तब एक बड़ी आबादी को खतरे वाली जगह से सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया था। उस त्रासदी को याद कर आज भी लोग कांप उठते हैं। अब करीब 21 साल बाद दोबारा से वरुणावत पर्वत से बोल्डर गिरने से लोग डर गए हैं।

उस दौरान वरुणावत पर्वत का ट्रीटमेंट भी हुआ तत्कालीन प्रधानमंंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने करीब 250 करोड़ से अधिक का बजट सुरक्षा कार्यों के लिए दिया था। ट्रीटमेंट कार्यों पर भी सवाल खड़े किए गए थे।

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