
चमोली: किशोर को ऑनलाइन गेमिंग व ट्रेडिंग का चश्का ऐसा लगा कि उसने अपने ही घर पर चोरी करवाने की योजना बनाई। देहरादून में रहते हुए उसने घर से 40 लाख रुपये के गहने व नकदी चोरी करवा दिए। पुलिस ने जब चोरी करने वाले दो किशोरों को पकड़ा तब पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ। अनोखे ढंग से की गई चोरी का पर्दाफाश करने वाली टीम को आईजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल ने 10 हजार रुपये पुरुस्कार देने की घोषणा की है।
एसपी चमोली सर्वेश पंवार ने बताया कि 31 अक्टूबर को चम्पा गौरोला निवासी विवेकानन्द कालोनी तल्ला नैग्वाड गोपेश्वर ने गोपेश्वर थाने में सूचना दी कि वह परिवार सहित 29 अक्टूबर को अपनी पुत्री से मिलने देहरादून गयी थी। 30 अक्टूबर उनकी किरायेदार ने फोन पर उन्हें सूचना दी कि गोपेश्वर में स्थित उनके घर के दरवाजे का ताला टूटा है। जिससे बाद वे देहरादून से गोपेश्वर पहुँची तो देखा कि घर के मुख्य दरवाजे का ताला टूटा है व उनकी सास के कमरे में बने स्टोर के लॉकर का ताला तोडकर आभूषण चोरी कर लिये गए व उनके अपने कीमती आभूषण जो एक छोटी अटैची में रखे थे वो भी गायब है। जिनकी कीमत लगभग 35-40 लाख रूपये है। इस मामले में थाना गोपेश्वर में मुकदमा दर्ज किया गया। जांच के लिए गठित पुलिस टीमों ने 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की गहनता से जांच की।
सीसीटीवी कैमरों की गहनता से जांच करने पर पुलिस टीम को घटना के समय एक संदिग्ध वाहन दिखायी दिया, जिसके पश्चात उक्त वाहन के संबंध में जानकारी जुटायी गयी तथा सीसीटीवी फुटेज एवं तकनिकी सहयोग के आधार पर आज दिनांक 02.11.24 को पुलिस टीम द्वारा उक्त चोरी की घटना में संलिप्त *02 नाबालिगों को वाहन के साथ बालखिला चमोली से अपने संरक्षण में लिया गया।
पूछताछ में पता चला कि शिकायतकर्ता महिला का नाबालिग पुत्र ही चोरी की घटना का मास्टरमांइड है, जिसके पश्चात पुलिस टीम ने उसे देहरादून से संरक्षण में लेते हुए जनपद चमोली लाया गया। किशोर ने बताया कि वो लम्बे समय से ऑनलाइन गेमिंग तथा ट्रेडिंग व मंहगे खर्चे करने का शौकीन है। जिसके लिए उसके द्वारा काफी लोगों पैसे उधार लिए गए थे, उक्त चोरी की घटना में संलिप्त एक नाबालिग से भी उसके द्वारा 50 हजार उधार लिए गए थे व अन्य लोगों द्वारा भी उस पर लगातार पैसे वापस करने का दबाव बनाया जा रहा था। कर्जे से छुटकारा पाने के लिए नाबालिग द्वारा अपने ही घर में चोरी करने की योजना बनायी गयी, जिसमें उसके द्वारा अपने 02 नाबालिग दोस्तों को यह लालच देकर यह कहकर शामिल कर लिया गया कि उसके घर पर उसकी माँ और दादी के लाखों के गहने है, जिन्हें चोरी कर ऊंचे दाम पर बेचकर वे काफी मुनाफा कमा सकते हैं। 29 अक्टूबर को जब उसकी माँ देहरादून चली गयी तथा घर में कोई नहीं था तो इस मौके फायदा उठाकर उसने दिनांक 29 व 30 अक्टूबर की रात्रि को अपने दोस्तों को फोन कर घर खाली होने के संबंध में बताया गया व अपने घर की दीवार फांद कर घर की अन्दर जाने व मुख्य दरवाजे की चाबी व स्टोर रूम के लॉकर में रखें अपनी दादी व अटेजी में रखें अपने माँ के गहनों के बारे में जानकारी दी, जिसके पश्चात दोनों नाबालिगों द्वारा ताला तोड़कर स्टोर रूम के लॉकर व अटैची में रखे गहनों की चोरी की और फरार हो गए।