प्रधानाचार्यों की सेवा नियमावली में संशोधन को मंजूरी
- धामी मंत्रिमंडल की बैठक में शिक्षा विभाग के लिए हुआ बड़ा फैसला

देहरादून: बुधवार को धामी मंत्रिमंडल की बैठक में शिक्षा विभाग के लिए बड़ा फैसला हुआ। बैठक में प्रधानाचार्यों की सेवा नियमावली में संशोधन को मंजूरी दे दी गई। उत्तराखंड शिक्षा विभाग के तहत प्रदेश में संचालित स्कूलों में प्रधानाचार्य की काफी कमी है। वर्तमान समय में शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्य के कुल 1385 पद स्वीकृत हैं, जिसके सापेक्ष मात्र 205 प्रधानाचार्य ही तैनात हैं। यानी प्रधानाचार्य के 1180 पद खाली चल रहे हैं। ऐसे में प्रधानाचार्य की भर्ती किए जाने को लेकर शिक्षा विभाग ने उत्तराखण्ड राज्य शैक्षिक (अध्यापन संवर्ग) राजपत्रित सेवा नियमावली- 2022 में संशोधन किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया था, जिसपर बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी मिल गई है।
प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती नियमावली में संशोधन किए जाने के बाद अब लोगों में उम्मीद जागी है कि जल्द ही प्रधानाचार्य प्रधानाचार्यों की भर्ती शुरू हो जाएगी। शिक्षा विभाग की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार, उत्तराखण्ड राज्य शैक्षिक (अध्यापन संवर्ग) राजपत्रित सेवा नियमावली- 2022 के तीन नियमों में संशोधन किया गया है। नियमावली के नियम- 5 में भर्ती का स्रोत, नियम- 6 में आयु सीमा और नियम- 8 में अनिवार्य शैक्षिक/ प्रशिक्षण योग्यता में संशोधन करने का प्रावधान किया गया है.श, जिस पर मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई है।
कौन कौन होंगे पात्र:
प्रधानाध्यापक जिनके द्वारा भर्ती वर्ष के प्रथम दिवस को 2 साल की सेवा/मौलिक रूप से नियुक्त ऐसे प्रवक्ता, जिन्होंने 10 साल की सेवा/प्रवक्ता पद पर पदोन्नत ऐसे सहायक अध्यापक (एलटी०) जिनके द्वारा प्रवक्ता के पद पर 10 साल की पूरी कर ली गई है, इसके अलावा, प्रधानाचार्य के पद पर सीमित विभागीय परीक्षा में शामिल किये जाने के लिए निर्णय लिया गया है, जिसके तहत प्रवक्ता पद पर पदोन्नति प्राप्त ऐसे शिक्षकों जिनके द्वारा प्रवक्ता एवं सहायक अध्यापक (एलटी) के पद पर सम्मिलित रूप से 15 साल की सेवा पूर्ण कर ली गयी है। मौलिक रूप से नियुक्त ऐसे सहायक अध्यापक (एलटी) जिन्होंने इस पद पर न्यूनतम 15 साल की संतोषजनक सेवा पूरी कर ली गयी हो। इसके साथ ही निर्धारित शैक्षिक/प्रशिक्षण योग्यता अनिवार्य रूप से धारित करते हैं, वो सभी सीमित विभागीय परीक्षा के लिए पात्र होंगे.
प्रधानाचार्य पद पर भर्ती के लिए पहली बार आयोजित होने वाली सीमित विभागीय परीक्षा में नॉन बीएड प्रवक्ता भी पात्र होंगे।
सीमित विभागीय परीक्षा के लिए अभ्यर्थी की आयु, भर्ती विज्ञापन जारी होने वाले कैलेण्डर वर्ष की 1 जुलाई को 50 साल से बढ़ाकर 55 साल किया जा रहा है।