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अकादमिक धरोहर है दून पुस्तकालय: कोश्यारी

कोश्यारी ने किया दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र का अवलोकन

देहरादून: उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोमवार को दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र का अवलोकन किया। उन्होंने पुस्तकालय में संग्रहित पुस्तकों,संदर्भ कक्ष , कम्प्यूटर कक्ष,युवा पाठकों के अध्ययन कक्षों और शोध एवं प्रकाशन प्रखंड के साथ ही लोक संग्रहालय में रखी अनेक दुर्लभ व परम्परागत सामग्रियां देखीं।

इससे पूर्व दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के संस्थापक निदेशक व वर्तमान सलाहकार प्रोफ़ेसर बी.के.जोशी के साथ श्री कोश्यारी ने उत्तराखंड के सामाजिक-आर्थिक, इतिहास व संस्कृति से जुड़े विषयों पर देर तक शिष्टाचार रूप में बातचीत की। प्रोफ़ेसर जोशी ने उन्हें संस्थान का परिचय, उद्देश्य पर जानकारी देते हुए बताया कि आम पाठकों, युवा पाठकों, साहित्यकारों व शोध अध्ययन करने वाले जिज्ञासु अध्येताओं के लिए पुस्तकालय की ओर से निरन्तर अकादमिक क्रियाकलापों पर कार्य के प्रयास किये जा रहे हैं।

कोश्यारी ने दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की भूमिका और उसके द्वारा किये जा रहे प्रयासों पर संतोष व्यक्त करते हुए इसकी सराहना की। उन्होंने इस संस्थान की मूल अवधारणा को मूर्त रूप देने में प्रोफेसर बी.के. जोशी के योगदान की सराहना की और कहा कि दून पुस्तकालय ने देहरादून शहर व उत्तराखण्ड प्रदेश में अकादमिक धरोहर के रूप में अपनी अलग पहचान बना ली है। बातचीत के दौरान पुरात्वविद व इतिहासकार प्रो.महेश्वर प्रसाद जोशी व प्रोग्राम एसोसिएट चन्द्रशेखर तिवारी भी मौजूद थे। दून पुस्तकालय के श्री सुंदर सिंह बिष्ट, जगदीश सिंह महर व मधन सिंह बिष्ट भी अवलोकन के दौरान उपस्थित थे।

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