उत्तराखंडविधानसभा चुनाव/उपचुनाव

उत्तराखंड विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को बड़ा झटका

कांग्रेस ने दोनों सीटें जीतकर लहराया परचम, बद्रीनाथ से लखपत और मंगलौर से काजी निजामुद्दीन विजयी

देहरादून: उत्तराखंड में दो विधानसभा सीटों मंगलौर और बद्रीनाथ पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज कर भाजपा को तगड़ा झटका दिया है। कांग्रेस के लिए यह जीत जहां खास है, वहीं भाजपा को अपनी कार्यप्रणाली पर पुनर्विचार की जरूरत है। कारण, भाजपा ने कुछ समय पहले ही लोकसभा चुनाव में राज्य की पांचों सीटों पर अच्छे-खासे अंतर से जीत दर्ज की थी। ऐसे में क्या कारण है कि उसे उपचुनाव में दोनों सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा।
बद्रीनाथ सीट से कांग्रेस प्रत्याशी लखपत सिंह बुटोला ने भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र भंडारी को पांच हजार से ज्यादा वोटों से हराकर जीत दर्ज की। कांग्रेस उम्मीदवार को कुल 27696, भाजपा उम्मीदवार को 22691 मत मिले। वहीं, कांग्रेस के प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन ने मंगलौर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी करतार सिंह भडाना को 449 वोटो से हराकर जीत दर्ज की।
कांग्रेस के लखपत बुटोला ने जीत का श्रेय बद्रीनाथ की जनता को दिया है। उन्होंने कहा जिस प्रकार से यह जनता पर जबरदस्ती थोपा गया चुनाव था, जनता ने अपना जनादेश देकर बता दिया कि जो जनता के जनादेश का अपमान करेगा उसको मुंह की खानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ विधानसभा के सर्वाधिक विकास के लिए हर संभव काम करेंगे। जीत के बाद कांग्रेसियों ने जमकर जश्न मनाया।


बदरीनाथ के नतीजों ने उन लोगों को भी करारा जवाब दिया है, जो लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के भाजपा में शामिल होने को मास्टर स्ट्रोक बता रहे थे। हालांकि कुछ आउट साइडर्स की हवाई ज्वाइनिंग के कारण भाजपा को लोकसभा चुनाव में गढ़वाल सीट पर तकरीबन दो लाख वोट का नुकसान उठाना पड़ा। नाटकीय अंदाज में भंडारी के बीच में ही विधानसभा सीट छोड़ने से बदरीनाथ क्षेत्र की जनता ने खुद को ठगा हुआ महसूस किया। जिस राजेंद्र भंडारी को उन्होंने चुनाव जीता कर विधानसभा भेजा, वही उन्हें बीच रास्ते में छोड़ गया और उल्टा उन पर विधानसभा के उपचुनाव का बोझ डाल गया। भंडारी के इस फैसले को लेकर बदरीनाथ क्षेत्र में इस कदर नाराजगी थी कि भंडारी खुद तो भाजपा में आए, लेकिन उनकी एक आवाज पर खड़े रहने वाले लोगों ने उनके साथ आने से साफ इंकार कर दिया।
इधर, उपचुनाव के परिणामों को लेकर हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि भाजपा के पास यह दोनों सीटें नहीं थी। मंगलौर की सीट बसपा के पास थी, वह अब कांग्रेस के पास चली गई है और बद्रीनाथ विधानसभा की सीट पहले भी कांग्रेस के पास थी और आज जीत दर्ज करने के बाद फिर से कांग्रेस के पास ही गई है। ऐसे में भाजपा को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button