उत्तराखंड एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण को कैबिनेट की मंजूरी
-मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में एक दर्जन प्रस्तावों पर मुहर, आवास विकास विभाग में मिनिस्टीरियल कार्मिकों की नियमावली भी मंजूर

देहरादून: लोकसभा चुनाव के बाद शनिवार को हुई धामी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण विधेयक 2024 को कैबिनेट को मंजूरी दे दी गई। ऐसे में प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में परिवहन सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए इस प्राधिकरण से अनुमति लेनी होगी। प्राधिकरण से मंजूरी मिलने के बाद काम किए जा सकेंगे। शहरी क्षेत्रों में बिजली, पानी की योजनाओं को भी इससे मंजूरी जरूरी होगी। इसके साथ ही आवास विकास विभाग के विभिन्न प्राधिकरण में मिनिस्टीरियल कार्मिक की नियमावली को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में शहरी विकास, आवास, वित्त, राजस्व, कार्मिक, नियोजन, उच्च शिक्षा समेत कई अन्य विभागों से संबंधित 12 प्रस्तावों पर चर्चा हुई।
बैठक के बाद सचिव शैलेश बगोली ने पत्रकारों को फैसलों की जानकारी दी। बैठक में आए एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव में आवास विकास विभाग के विभिन्न प्राधिकरण में मिनिस्टीरियल कार्मिक की नियमावली को मंजूरी दी गई। कर्मियों की ट्रेनिंग अलग-अलग चरणों में होगी। प्रोमोशन के बाद भी ट्रेनिंग होगी। इसी तरह की लगातार ट्रेनिंग सचिवालय सेवा और पीसीएस अफसरों के लिए भी करने के लिए सीएम धामी ने निर्देश दिए। ट्रेनिंग अकादमी में होगी।
वित्त से संबंधित एक प्रस्ताव के अनुसार कर्मियों के लिए वेतन का किसी न किसी बैंक में खाता होता है। बैंक बीमा सुविधा तो देते हैं, लेकिन कर्मियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था। स्टेट बैंक, बड़ोदा, यूनियन और केनरा बैंक में जिनके भी खाते होंगे, उनके कर्मचारियों को एक्सीडेंटल बीमे 30 लाख से एक करोड़ तक मिलेगा। अपंगता में भी मिलेगा। बच्चों को शिक्षा आदि भी मिलेगी। अलग से कोई प्रीमियम नहीं देना होगा। राज्य सरकार ने इन चार बैंकों से एमओयू के लिए डायरेक्टर ट्रेजरी को अधिकृत किया गया है। स्टेट बैंक में ही 62 हजार, पीएनबी में 24 हजार हैं।
बैठक में पर्यटन नीति पर भी चर्चा हुई। पर्यटन नीति 2018 में आई थी, जिसमें जिलों के हिसाब से कैपिटल सब्सिडी मिलती थी। ये तय कर दिया है कि इसके तहत एसजीएसटी रिम्बर्समेंट के तौर पर अगले पांच साल तक और मिलेगा। पहले अवधि तय नहीं थी। कुल 10 साल तक लाभ मिलेगा। इसके अलावा, महासू देवता मंदिर का मास्टर प्लान बन रहा है। उसमें प्रभावित होने वालों के विस्थापन की नीति लाई गई है। जिनके पास अपनी जमीन है, उन्हें उस पर मकान बनाने को 10 लाख मिलेंगे। जिनके पास अपनी जमीन नहीं, उन्हें सरकारी जमीन पर बसाया जाएगा। करीब 26 ऐसे परिवार हैं।
इसी तरह सहकारी समितियों में 33% पद महिलाओं के लिए सभापति और सदस्यों के लिए आरक्षित करने को मंजूरी। अभी दो पद तक था। एक समिति में 21 तक पद हो सकते हैं। 6 व 7 अप्रैल 2024 को परिवार न्यायालय का क्षेत्रीय सम्मेलन हुआ था, जिसमें 1 करोड़ खर्च को मंजूरी दी गई। खाद्य विश्लेषण शाखा में 13 पद सृजन को मंजूरी दी गई। बैठक में चिकित्सा विभाग के तहत एफडीआई में 8 पद आउटसोर्सिंग से भरने को भी मंजूरी दी गई।