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सैम मानेकशॉ की बातों पर अमल करके आपका बच्चा भी बन सकता है लीडर

हाल ही में सैम मानेक शॉ पर एक फिल्‍म रिलीज हुई है जिसमें विक्‍की कौशल ने प्रमुख किरदार निभाया है। यह फिल्‍म असली कहानी पर बनाई गई है। फील्‍ड मार्शल सैम मानेक शॉ अपनी बहादुरी के लिए जाने जाते थे और इस फिल्‍म में भी उनकी बहादुरी और साहस को ही दिखाया गया है। उनके बताई गई कुछ पंक्तियां हैं जो बच्‍चों को आगे बढ़ने और साहस के साथ रहने के लिए प्रेरित करती हैं। अगर आप भी चाहते हैं कि आपका बच्‍चा सैम मानेक शॉ की तरह बहादुर और साहसी बने, तो यहां बताई गई उनकी बातों को अपने बच्‍चे को जरूर बताएं।

सैम कहते थे मुझे एक ऐसा इंसान दो जिसमें कॉमन सेंस हो और जो इडियट न हो, मैं उसे एक लीडर बना सकता हूं। इसका मतलब है कि जिस इंसान में थोड़ी-बहुत भी कॉमन सेंस होती है, अगर उस पर ठीक तरह से कमा किया जाए, तो उस इंसान में निखार आ सकता है और वो लीडर तक बन सकता है। उनका कहना था कि जो इंसान हमेशा हां कहता है या हां में ही जवाब देता है वो एक दिन मिनिस्‍टर बन सकता है, किसी ऊंचे पद पर जा सकता है या फील्‍ड मार्शल तक बन सकता है ल‍ेकिन वो एक लीडर कभी नहीं बन सकता है। इसलिए आप अपने बच्‍चे में लीडर बनने के गुण और स्किल्‍स डालना शुरू कर दीजिए।

आपको जीतने के लिए लड़ना पड़ेगा और आपमें इतनी ताकत होनी चाहिए कि आप अपने हक के लिए लड़ सकें। हारने वालों या कमजोर लोगों के लिए कोई जगह नहीं है इसलिए अगर आप एक लूजर हैं, तो आपको वापिस कभी लौटकर नहीं आना चाहिए। इससे यह सीख मिलती है कि अगर हमें जीतना है, तो हमें उसके लिए लड़ना भी पड़ेगा। सैम का कहना था कि अगर आप लीडर बनना चाहते हैं या अपने अंदर लीडरशिप का गुण पाना चाहते हैं, तो आपको सही फैसले लेने के लिए खुद को तैयार करना होगा और अपने दिमाग को स्थिर रखना होगा। इसके अलावा आपने जो फैसला लिया है, आपको उसकी भी जिम्‍मेदारी लेनी होगी।
उनका कहना था कि हमारे देश में जब किसी इंसान के हाथ में पॉवर आ जाती है, तो वो समझने लगता है कि ज्ञान की गंगा उसी से बह रही है और वह घमंड में चूर हो जाता है।

सैम मानेक शॉ की इन बातों को आप अपने बच्‍चे को जरूर बताएं और उसे सिखाएं कि उसे किस तरह से लीडर बनना है, मुश्किलों के आगे हारना नहीं है और अपने फैसलों की जिम्‍मेदारी लेना सीखना है। आप चाहें तो अपने बच्‍चे को उनकी मूवी भी दिखा सकते हैं और उसे बता सकते हैं कि किस तरह उन्‍होंने बहादुरी के साथ अपने देश की सेवा की थी। (साभार नभाटा)

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