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भक्ति के अद्भुत पर्याय हैं गोस्वामी तुलसीदास: रामविनय

- ब्राह्मण समाज उत्थान परिषद की ओर से मनाई गई गोस्वामी तुलसीदास की 528वीं जयंती, ईसी रोड स्थित आईआरडीटी सभागार में आयोजित हुआ कार्यक्रम

देहरादून: डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के संस्कृत के प्रोफेसर डॉ. रामविनय सिंह ने गोस्वामी तुलसीदास के व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि तुलसीदास जी भक्ति के अद्भुत पर्याय हैं, जिन्होंने राम भक्ति को जन-जन तक पहुंचाया। डॉ. सिंह गुरुवार को गोस्वामी तुलसीदास की 528वीं जयंती पर ब्राह्मण समाज उत्थान परिषद की ओर से ईसी रोड स्थित आईआरडीटी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।

डॉ. सिंह ने कहा कि तुलसीदास ने अपना सारा जीवन प्रभू श्रीराम की भक्ति में समर्पित कर दिया। वे सगुण रामभक्ति के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव और माता पार्वती के आशीर्वाद से उन्हें राम दर्शन की अनुभूति हुई। उन्होंने भक्ति को जीवन की सबसे बड़ी साधना माना और अपने लेखन से लोगों को उस पथ पर चलने की प्रेरणा दी। उनकी भक्ति ने उन्हें एक साधारण कवि से संत बना दिया। उन्होंने रामचरितमानस जैसे कई कालजयी ग्रंथों की रचना की। उन्होंने अपने जीवन के माध्यम से भक्ति, ज्ञान और सेवा का संदेश दिया। उनकी रचनाएं आज भी लोगों को जीवन के हर क्षेत्र में मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।

उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास जी के जन्म की घटना पर चर्चा करते हुए कहा कि तुलसीदास ने आत्माराम दुबे और माता हुलसी के परिवार में उस नक्षत्र में जन्म लिया था, जो अशुभ माना जाता है। लेकिन जन्म के समय रोने के बजाय उनके मुख से ‘राम’ नाम निकला था। इसी कारण उनका नाम रामबोला रख दिया गया था। बचपन में ही मां की मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद उनकी दासी चुनिया ने उनका लालन-पालन किया। लेकिन महज पांच वर्ष की उम्र में उनका भी निधन हो गया। कहा कि तुलसीदास के जन्म के समय भारत में मुगलों का राज था, लेकिन यदि वह सनातन धर्म को फैलाने के उद्देश्य से इस ग्रंथ की रचना करते, तो वह मारे जाते, लेकिन उन्होंने इसे स्वांत: सुखाय का नाम देकर रामचरित मानस जैसे ग्रंथ की रचना कर सनातनियों को रामभक्ति का मार्ग दिखा दिया।

इससे पहले, कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. श्रद्धा ने मां सरस्वती की वंदना से की। ब्राह्मण समाज उत्थान परिषद के मुख्य संरक्षक महंत कृष्ण गिरि ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास कृत श्रीरामचरितमानस से सर्वसमाज को सीख लेने की ज़रूरत है। श्री नर सिंह कृपा धाम के संचालक पं. शशिकांत दुबे ने कहा कि प्रभू श्रीराम की भक्ति से ही समाज का उद्धार हो सकता है। ब्राह्मण समाज उत्थान परिषद के अध्यक्ष पं. सुभाष जोशी ने संत समाज से आह्वान किया कि वह युवा पीढ़ी को भगवान श्रीराम के चरित्र से जोड़ने के लिए जगह-जगह इसी तरह की गोष्ठी करें।

इस मौके पर कैंट विधायक सविता कपूर, विधायक उमेश शर्मा काऊ, पूर्व मेयर सुनील उनियाल गामा, भाजपा महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल ने भी विचार व्यक्त किए। इस मौके पर ब्राह्मण समाज के पदाधिकारी वीडी शर्मा, सत्यप्रकाश शर्मा, अरुण पाण्डेय, अरुण शर्मा, लक्ष्मी प्रसाद बडोनी आदि मौजूद थे। संचालन संस्था के महामंत्री उमा नरेश तिवारी ने किया।

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