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पेपर लीक पर कांग्रेस गरम, भाजपा नरम

देहरादून: उत्तराखंड में पेपर लीक को लेकर एक तरफ छात्र सड़कों पर है तो दूसरी तरफ मामले को लेकर जमकर सियासत भी हो रही है। कांग्रेस पेपर लीक मामले को सीधे बीजेपी से जोड़ रही है। कांग्रेस का कहना है कि पेपर लीक से जुड़े मामलों में बीजेपी के लोगों की संलिप्तता ज्यादा नजर आती है। क्योंकि, हाकम सिंह बीजेपी का पुराना नेता बताया जाता है।
हाकम सिंह के बीजेपी के कई मंत्रियों के साथ फोटो भी सामने आए हैं। वहीं, ताजा मामले में हरिद्वार के जिस कोचिंग सेंटर से प्रश्न पत्र पेपर के तीन पन्ने बाहर आए, उस कोचिंग सेंटर का मालिक भी बीजेपी नेता बताया जा रहा है, जिसे लेकर कांग्रेस मुखर है तो वहीं बीजेपी की भी मामले में सफाई आई है।
कांग्रेस का साफ आरोप है कि बिना सत्ताधारी दल की पनाह के बिना इस तरह घटना को अंजाम मिलना असंभव है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता प्रतिमा सिंह का कहना है कि हामक सिंह जैसे लोग किसके संरक्षण में भर्ती परीक्षाओं का सौदा खुलेआम कर रहा है? यह बड़ा सवाल है। उन्होंने बीजेपी पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। सरकार को बताना चाहिए कि जब हाकम सिंह पकड़ा गया तो उस पर सख्त कानून क्यों नहीं लागू हुआ? किसके संरक्षण में हाकम सिंह रावत आज भी ये सब खुलेआम कर रहा है?
वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी इस मामले पर पूरी तरह से बैकफुट पर नजर आ रही है। उत्तराखंड बीजेपी के नवगठित प्रदेश कार्य समिति के प्रदेश महामंत्री कुंदन परिहार का कहना है कि सरकार पारदर्शिता के साथ परीक्षाएं करवा रही है। हाल में हुए परीक्षा हुई, उसके 3 पन्ने बाहर आए हैं। इसे लेकर सरकार गंभीर है।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री कुंदन परिहार का कहना है कि सरकार पूरी तरह से प्रतियोगी परीक्षाओं को पारदर्शी तरीके से करवाने के लिए प्रयासरत है। सरकार इसलिए सख्त नकल विरोधी कानून लेकर आई है। हाल ही में जो प्रश्न पत्र के कुछ प्रश्नों के बाहर आने का मामला सामने आया है, उसमें भी सरकार की ओर से कार्रवाई की जा रही है। सरकार इस पर गंभीर है। मामले की गंभीरता और तात्कालिकता को देखते हुए इस मामले पर एसआईटी गठित की जा चुकी है, जो भी व्यक्ति लिप्त है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उधर, पेपर लीक मामले पर पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय का कहना है कि कोई भी सरकार नहीं चाहेगी कि इस तरह से पेपर लीक के मामले सामने आए और उसकी छवि खराब हो, लेकिन फिर भी यदि इस तरह के विषय सामने आ रहे हैं तो उस पर सरकार को सबसे सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

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