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ख़बरदार: अगर जीत भी गए तो रद हो जाएगा चुनाव

पंचायत चुनाव के उम्मीदवारों के लिए हैं कई प्रावधान

देहरादून/काशीपुर: पंचायत चुनाव लड़ने पर विभिन्न लोगों पर कानूूनी प्रावधानों के अन्तर्गत रोक लगायी गयी है। कोई अतिक्रमणकारी, अपराध में सज़ायाफ्ता, दो से अधिक संतानों वाले, शौचालय विहीन घर में रहने वाले, पत्नि या महिला के स्थान पर पद कार्य करने वाले सहित विभिन्न लोग पंचायत चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं। ऐसे उम्मीदवारों पर आपत्ति लगाायी जा सकती है तथा नामांकन रद किया जा सकता है। अगर ऐसे लोग चुनाव जीत भी जाते है तो उन्हें सरकार द्वारा हटाया जा सकता है, वहीं चुनाव याचिका दायर करके उनका चुनाव अवैध भी घोषित कराया जा सकता है।
सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने पंचायत चुनावों में उम्मीदवारों की अयोग्यता सम्बन्धी जानकारी देते हुये बताया कि ग्राम पंचायत प्रधान, उप प्रधान तथा सदस्य के लिये अयोग्यता का प्रावधान उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 (यथा संशोधित) की धारा 8 में हैं जबकि क्षेत्र पंचायत के सदस्यता के लिये अयोग्यता का प्रावधान धारा 53 तथा जिला पंचायत सदस्य की अयोग्यता का प्रावधान धारा 90 में किया गया है। इसमें अयोग्यता सम्बन्धी प्रावधान लगभग समान है।
नदीम ने बताया कि इन अयोग्यताओं में राज्य विधान मण्डल का चुनाव लड़ने को अयोग्य, ग्राम पंचायत का वैतनिक सदस्य, कोई भी सरकारी या स्थानीय निकाय (आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि सहित) का पद धारण करने वाला, सरकार या स्थानीय निकाय की सेवा से बर्खास्त, ग्राम पंचायत का बकायादार, नगर निकाय का सदस्य, दिवालिया, अपराधों में दोषसिद्व, सरकार द्वारा पंचायत पदाधिकारी पद से पद के दुरूपयोग पर हटाया गया, महिला पदाधिकारी के स्थान पर कार्य करने वाला पति या उसके परिवार का अन्य सदस्य, हाई स्कूल उत्तीर्ण न होना (महिला अजा/अजजा के मामले में आठवां पास) न होना, दो से अधिक जीवित संतान होना, सरकारी/पंचायती राज विभाग की भूमि पर अनाधिकृत कब्जा, सरकारी धन गबन, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8, 8क, 9, 9क तथा 10 के अन्तर्गत अयोग्यता वाला, चुनाव में भ्रष्टाचार के कारण अयोग्य घोषित, घर में शौचालय स्थापित न होना, वोटर लिस्ट से प्रविष्टि निकाल दी जाना, एक साथ दो पद धारण करना शामिल है।
अशिक्षित होने सम्बन्धी अयोग्यता के अनुसार ऐसा व्यक्ति पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकता जो मान्यता प्राप्त संस्थान/बोर्ड से हाईस्कूल या समकक्ष परीक्षा पास नहीं है। महिला, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति उम्मीदवार की स्थिति में उसे कक्षा-8/मिडिल परीक्षा पास होना आवश्यक है।
अतिक्रमणकारी सम्बन्धी अयोग्यता के अनुसार ऐसा व्यक्ति पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकता जिसके कब्जे में सरकारी/पंचायत राज विभाग की भूमि हो या वह ऐसे अवैध कब्जे से लाभ प्राप्त करता हो। ऐसा व्यक्ति जिसकी दो से अधिक जीवित संताने हो भी चुनाव लड़ने से अयोग्य है।
शौचालय सम्बन्धी अयोग्यता में ऐसे व्यक्ति जिनके घर में शौचालय स्थापित नहीं है अयोग्य है। इसके अतिरिक्त मैला ढोने निषेध सम्बन्धी अधिनियम 2013 के अपराधों मे दोषसिद्व भी चुनाव नहीं लड़ सकता है। महिला के स्थान पर पद कार्य करने की अयोग्यता में पदाधिकारी निर्वाचित महिला तथा उसके स्थान पर उसका पति या अन्य परिवारिक सदस्य या रिश्तेदार जो उसके पद के कार्यों का निर्वहन करे व उस पर दोषसिद्व हो जाये शामिल है।
अपराधी सम्बन्धी अयोग्यता में संबंधित धाराओं में उल्लेखित सजा तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8, में उल्लेखित अपराधों में दोषसिद्व व्यक्ति शामिल हैं। इस अपराधों में धर्म, मूलवंश, जन्म स्थान, निवास स्थान, भाषा आदि के आधार पर शत्रुता फैलाने के कार्य का आईसीसी की धारा 153ए (बीएनएस की धारा 196), विभिन्न वर्गों में शत्रुता, वैमनस्य फैलाने वाले कथन करने व फैलाने के धारा 506 (बीएनएस की धारा 353) का अपराध भी शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त चुनाव में रिश्वत या आवश्यक प्रभाव का प्रयोग, बलात्कार से सम्बन्धित अपराध, नशीले पदार्थों सम्बन्धी अपराध, स्त्री के पति या नातेदारों द्वारा क्रूरता, सीमाशुल्क, विधि विरूद्व क्रियाकलाप, आतंकवाद, धार्मिक संस्था दुरूपयोग, चुनाव अपराध, उपासना स्थल, राष्ट्र गौरव, उपासना स्थल, सिविल अधिकार संरक्षण सम्बन्धी अपराधों में कोई सजा पाया व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता है। जबकि आवश्यक वस्तु अधिनियम, आबकारी अधिनियम के अन्तर्गत तीन माह से अधिक की सजा पाये, जमाखोरी या मुनाफाखोरी, खाद्य व औषधि मिलावट, दहेज निरोधक चुनाव के सम्बन्ध में वर्गों में शत्रुता (लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125) सती निवारण कानून के अन्तर्गत छह माह से अधिक की सजा पाये तथा अन्य किसी भी अपराध में दो वर्ष या अधिक की सजा पाये व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकते है।

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