उत्तराखंडचर्चा मेंलोकसभा चुनाव

मोदी की उम्मीदों पर खरे उतरे धामी 

लोकसभा की पांचों सीटें जिताकर सीएम धामी ने उत्तराखंड में लहराया भगवा समान नागरिक संहिता सहित धामी के कई फैसलों ने जीत की राह की प्रशस्त 

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड से लोकसभा की पांचों सीटें भाजपा की झोली में डालकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर में अपनी अहमियत और बढ़ा दी है। सच तो यह है कि मोदी का धामी पर पहले से ही भरोसा था और यही कारण था कि उन्हें पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया। धामी भी मोदी की उम्मीदों पर खरे उतरे और समूचे उत्तराखंड में भगवा लहरा दिया। पांचों सीटों पर जीत से उत्साहित धामी का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार के कारण उत्तराखंड में विकास बहुत तेजी से हुआ, जिसे जनता ने भी माना और देश में तीसरी बार मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनाने की राह प्रशस्त की।

   उत्तराखंड की बात करें तो समान नागरिक संहिता कानून, सख्त नकल विरोधी कानून, सख्त धर्मांतरण कानून, सख्त दंगा नियंत्रण कानून, यह कुछ ऐसे बड़े फैसले रहे, जिनसे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की लोकप्रियता का ग्राफ देश भर में तेजी से बढ़ा। खासतौर से उत्तराखंड में जिस तरह से धामी ने समान नागरिक संहिता कानून जैसे बड़े फैसले को लागू किया, उसके बाद से लगातार उनके चर्चे देश भर में रहे। भारतीय जनता पार्टी ने भी इन लोकसभा चुनाव के मेनिफेस्टो में समान नागरिक संहिता को देश में लागू करने को गारंटी के रूप में शामिल किया। यह एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला रहा, जिसके चलते मुख्यमंत्री धामी की धमक पूरे देश में देखने को मिली। छोटे राज्य का मुख्यमंत्री होने के बावजूद जिस तरह के बड़े और अहम निर्णय धामी ने लिए उसे भाजपा आलाकमान ने भी भुनाने में कसर नहीं छोड़ी।

     चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री धामी के समक्ष कई चुनौतियां पेश आई, लेकिन वह कुशल नेतृत्व क्षमता और प्रबंधन के कारण इनसे पार पाने में सफल रहे। धामी के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती राज्य से वनाग्नि से लेकर चारधाम यात्रा के सुचारू संचालन के रूप में पेश आयी। मई की शुरुआत में जब उत्तराखंड के जंगल धधकने लगे तो धामी चुनावी व्यस्तताओं को छोड़ देहरादून लौटे और सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठकें कर जरूरी निर्देश जारी किए। इस का नतीजा यह रहा कि पूरा सिस्टम हरकत में रहा और वनाग्नि पर तेजी से काबू पाया जा सका। 10 मई से चारधामों के कपाट खुलने शुरू हुए तो अप्रत्याशित भीड़ धामों में उमड़ने लगी। ऐसे में बगैर देर किए सीएम धामी ने न केवल देहरादून लौटकर बैठकें की बल्कि स्थलीय निरीक्षण कर तंत्र को सक्रिय किया। नतीजा एक सप्ताह में सारी व्यवस्थायें सुचारू रूप से संचालित होने लगीं। हालांकि विपक्ष ने समान नागरिक संहिता और बेरोजगारी को लेकर बहुत हो-हल्ला मचाया, लेकिन मतदाताओं पर इसका कोई असर नहीं हुआ और उन्होंने धामी के विकास कार्यों पर अपनी मुहर लगाते हुए विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया।

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धामी ने देशभर में 204 चुनावी सभाओं में लिया था हिस्सा

देश में सात चरणों में सम्पन्न हुए लोकसभा चुनावों में धामी ने ताबड़तोड़ 204 कार्यक्रम देशभर में किये। इनमें तमाम नामांकन कार्यक्रम से लेकर रोड शो, रैली, जनसभा शामिल रही। देश के विभिन्न राज्यों में उन्होंने चुनाव प्रचार किया और हर कार्यक्रम में हजारों की संख्या में युवाओं, महिलाओं की भीड़ उन्हें सुनने के लिए उमड़ती रही। मुख्यमंत्री धामी ने इस दौरान तेलंगाना सहित दिल्ली, हिमाचल, हरियाणा, पंजाब, बंगाल, मुंबई, झारखंड, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में प्रचार किया। उत्तराखंड में भी विगत 60 दिनों में उन्होंने कुल मिलाकर 109 कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया तो इसके साथ-साथ ही वह देश के तमाम राज्यों में भी बिना रुके-बिना थके चुनावी कार्यक्रमों को धार देते रहे।

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