
शब्द क्रांति लाइव ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन (इंटक) की बैठक ऊर्जा भवन में आयोजित की गई, जिसमें आगामी 6 नवंबर को प्रस्तावित “ध्यानाकर्षण आंदोलन” कार्यक्रम को सफल बनाने पर विचार विमर्श किया गया। इस दौरान संविदा कर्मचारियों ने एकसुर में सरकार व प्रबंधन द्वारा की जा रही उपेक्षा के प्रति आक्रोश व्यक्त किया।
संविदा कर्मचारियों ने कहा कि निगम प्रबंधन और उत्तराखंड शासन की गलत नीतियों के कारण ही आज संविदा कर्मचारी सड़कों पर आंदोलन के लिए विवश है। सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष विनोद कवि ने कहा कि राज्य के कई ऐसे विभाग है जिन्होंने अपने संस्थान में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण, समायोजन किया है यही नहीं कई सारे ऐसे विभाग हैं, जो अपने संस्थान में कार्यरत उपनल कर्मचारियों को नियमित वेतन दे रहा है, लेकिन ऊर्जा निगम न कोर्ट के आदेशों का पालन कर रहा है और न ही लिखित समझौतों को मानता है। यदि समय रहते निगम प्रबंधन व उत्तराखंड शासन द्वारा संविदा कर्मचारियों की नियमितिकरण, समान वेतन एवं वीडीए के स्थगित आदेश की बहाली नहीं की तो वह आंदोलन को बाध्य होंगे। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि 6 नवंबर के कार्यक्रम में प्रदेश भर से सैकड़ों संविदा कर्मचारियों प्रतिभाग करेंगे तथा यूपीसीएल और यूजएवईएनएल मुख्यालय के साथ-साथ देहरादून के अंतर्गत समस्त खंड मंडल व जौन में तैनात संविदा कर्मचारी भी बढ़चढ़कर हिस्सा लेंगे। यदि शीघ्र ही संविदा कर्मचारियों की समस्याओं पर आदेश निर्गत नहीं किये जाते हैं तो निकट भविष्य में संगठन हड़ताल जैसे कठोर कदम उठाने के लिए बाध्य होगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी निगम प्रबंधन एवं उत्तराखंड शासन की होगी। बैठक में सर्वश्री अनिल नौटियाल, विजेंद्र भंडारी, महेश चमोली, राहुल बिष्ट, मुकेश ढोंढियाल, संतोष कुमार, सत्येंद्र नेगी, राजेंद्र भंडारी, प्रमोद बिष्ट, हरीश कुमार, संगीता नेगी, वंदना नेगी, नीरज उनियाल, सुधा, स्वाति पंत, शीला बोरा, निलंबरी थापा, तेजपाल रावत, आरती आहूजा इत्यादि सहित कई संविदा कर्मचारी उपस्थित रहे।