दून के राजीव पांडेय ने दुनिया में बढ़ाया भारत का मान
- स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, यू.एस.ए. की ओर से प्रकाशित हालिया सूची में दुनिया के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों में लगातार चौथी बार हुए सूचीबद्ध, बिहार के कैमूर जिले के ग्राम लहुरीबारी के मूल निवासी राजीव पांडेय इस समय आईसीएफआरई देहरादून में हैं वरिष्ठ वैज्ञानिक

देहरादून: आईसीएफआरई देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक राजीव पांडेय ने दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिकों की सूची में लगातार चौथी बार स्थान बनकर महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। उनकी इस उपलब्धि से न केवल उत्तराखंड और बिहार बल्कि भारत का भी दुनिया में मान बढ़ा है।
आईसीएफआरई देहरादून और आईपीसीसी (एक संयुक्त राष्ट्र संस्थान) द्वारा प्रकाशित जलवायु परिवर्तन पर विश्व की सबसे भरोसेमंद तर्कसंगत व उचित वैज्ञानिक रिपोर्ट के लेखक डॉ. राजीव पांडेय स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (यूएसए) द्वारा प्रकाशित हालिया सूची के अनुसार दुनिया के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों में लगातार चौथी बार सूचीबद्ध हुए हैं। वर्तमान समय में अनुसंधान आसान नहीं है। उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान प्रकाशित करना कठिन है, वो भी, व्यवस्थापकीय दायित्वों, अनुसंधान परियोजनाओं का कार्यान्वयन; पीएचडी छात्रों का मार्गदर्शन, शिक्षण और परिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए। उन्होंने समन्वय व संतुलन बनाया, और योगदान दिया है और अपने अनुनय, समर्पण, प्रयासों और निरंतरता के साथ उन्होंने राज्य और देश के लिए उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।
डॉ. राजीव पांडेय बिहार के कैमूर जिले के मुजान ग्राम पंचायत में स्थित ग्राम लहुरीबारी के मूल निवासी हैं। डॉ. पांडेय की शिक्षा-दीक्षा उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में हुई है। वर्तमान में केन्द्रीय स्वायत्त संगठन भारतीय वानिकी अनुसंधान व शिक्षा परिषद, पर्यावरण वन और जलवायु मंत्रालय प्रमुख, वानिकी सांख्यिकी विभाग देहरादून में कार्यरत रहकर उत्तराखंड राज्य तथा देश की सेवा कर रहे हैं।