अन्य

पुरानी पेंशन योजना फिलहाल नहीं होगी बहाल

केंद्र के पास कोई प्रस्ताव नहीं, रिजर्व बैंक ने भी राज्यों को दी चेतावनी

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को लोकसभा में पुरानी पेंशन बहाली पर कर्मचारियों की उम्मीद पर यह कहकर पानी फेर दिया कि फिलहाल केंद्र के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है, वहीं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने राज्यों को चेतावनी दी है कि वह पुरानी पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) को बहाल करने के बारे में न सोचें। इससे उनका खर्च कई गुना बढ़कर बर्दाश्त के बाहर हो जाएगा. आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में न्यू पेंशन स्कीम (New Pension Scheme) की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम के वादों पर चिंता जताई है. उन्होंने राज्य सरकारों को नसीहत दी कि जनता को लुभाने वाले वादों के कारण उनकी वित्तीय सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. सरकारी खजाने के लिए ओपीएस बहुत नुकसानदेह साबित होगी.
हाल ही में कुछ राज्यों ने पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली की है. इनमें राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब शामिल हैं. साथ ही कर्नाटक में भी ओपीएस लाने की चर्चा चल रही है. आरबीआई ने राज्यों को सलाह दी है कि वह न्यू पेंशन स्कीम (NPS) को ही जारी रखें. आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट ‘स्टेट फाइनेंस : अ स्टडी ऑफ बजट्स ऑफ 2023-24’ (State Finances: A Study of Budgets of 2023-24) को जारी करते हुए चेताया कि अगर सारे राज्य ओपीएस फिर से लाते हैं तो उन पर वित्तीय दबाव लगभग 4.5 गुना तक बढ़ जाएगा. ओपीएस का जीडीपी पर बुरा असर दिखेगा. इस पर होने वाले अतिरिक्त खर्च का बोझ 2060 तक जीडीपी का 0.9 फीसदी तक पहुंच जाएगा.

आरबीआई रिपोर्ट के अनुसार, ओपीएस बहाल कर चुके राज्यों की तर्ज पर अन्य राज्य भी इसे लाने पर विचार करने लगे हैं. अगर ऐसा हुआ तो राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा और विकास कार्यों पर खर्च में कमी आएगी. आरबीआई ने कहा कि ओपीएस पीछे जाने वाला कदम है. इससे पिछले सुधारों से मिला फायदा खत्म हो जाएगा. इससे आने वाली पीढ़ियों को नुकसान पहुंचने की आशंका भी जताई गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, ओपीएस का आखिरी बैच 2040 के शुरुआत में रिटायर होगा और उन्हें 2060 तक पेंशन मिलती रहेगी.

अगले साल देश में आम चुनाव हैं. ऐसे में आरबीआई ने लोक लुभावन वादों से खर्च बढ़ाने के बजाय राजस्व में इजाफा करने का सुझाव दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी राज्य अपनी कमाई में इजाफा करने के बारे में सोचें। राज्यों को रजिस्ट्रेशन फीस, स्टांप ड्यूटी, अवैध खनन रोकने, टैक्स कलेक्शन बढ़ाने, टैक्स चोरी रोकने पर ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा प्रॉपर्टी, एक्साइज और ऑटोमोबाइल पर लगने वाले टैक्स को रिन्यू करने पर ध्यान देना चाहिए जिससे उनका राजस्व बढ़ेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button