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लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर, जनजीवन प्रभावित

- नीति घाटी की धौली गंगा में मलबा आने से झील बनने का खतरा, अलकनंदा का जलस्तर बढ़ने के कारण श्रीनगर डैम के सभी गेट खोले, बागेश्वर जनपद में पौंसारी आपदा के मलबे में 90 घंटे बाद भी ज़िंदगी की तलाश जारी

देहरादून: उत्तराखंड में बीते दो दिनों से जोरदार बारिश के कारण पहाड़ से लेकर मैदान तक जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। पहाड़ों पर जगह-जगह लैंडस्लाइड हो रहा है। बारिश के कारण तमाम नदी-नालों और नैनी झील का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। की जगह सड़कों पर मलबा आने से आवागमन बंद हो गया है।

  जनपद पौड़ी में भारी बारिश से जगह -जगह सड़कों पर मलबा आ रहा है, जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है। सूचना मिलने पर लोक निर्माण विभाग मशीन और मानव संसाधन की मदद से मलबा हटाकर यातायात सुचारु कर रहा है। इसी तरह, जनपद टिहरी गढ़वाल के मुनिकीरेती और ढालवाला के सटे गंगा घाटों पर स्नान कर रहे यात्रियों से पुलिस प्रशासन द्वारा गंगा नदी से दूरी बनाने की लगातार अपील की जा रही है। उधर, श्रीनगर में अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ते ही श्रीनगर डैम के सभी गेट खोल दिए गए हैं, जिससे खतरा और बढ़ गया है।

जनपद चमोली स्थित नीति घाटी की धौली गंगा में मलबा आने से झील बनने के खतरे को देख बीआरओ नदी का मार्ग सुचारू करने में जुटी है।

जनपद नैनीताल में लगातार भारी वर्षा के चलते देवखड़ी नाला,भाखड़ा नदी, लामाचौड़,रकसिया नाला, दमुवाढूंगा, कलसिया नाला, शेरनाला के बढ़े जलस्तर व सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस अनाउंसमेंट के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रही है।

इसी तरह बागेश्वर जनपद के पौंसारी आपदा को 90 घंटे से अधिक बीत चुके हैं लेकिन अब भी मलबे में जिंदगी की तलाश जारी है। दो ग्रामीण गिरीश और पूरन चंद्र अब तक लापता हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और फायर सर्विस के 50 से ज्यादा जवान लगातार तलाशी अभियान चला रहे हैं। गांव में 28 अगस्त की रात आई आपदा के बाद बसंती देवी, बचुली देवी और रमेश चंद्र जोशी के शव बरामद हो चुके हैं।

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