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अरबों रुपए के फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में ईडी का कई जगह छापा 

-मुख्य आरोपी अधिवक्ता कमल विरमानी समेत कई आरोपियों के ठिकाने खंगाले

देहरादून : अरबों रुपये के रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की देहरादून शाखा ने बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। ईडी ने उत्तराखंड समेत, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और असम में एक साथ छापेमारी करते हुए आरोपियों के 18 से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापा मारा। इस दौरान ईडी की टीम ने रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के सूत्रधार व मुख्य आरोपी नामी अधिवक्ता कमल विरमानी, देवराज तिवारी, सुरेश चंद्र, इमरान आदि अधिवक्ताओं समेत भूमाफिया जितेंद्र खरबंदा, अजय पुंडीर के साथ ही फर्जीवाड़े से जुड़े अन्य आरोपियों के घर/दफ्तर पर जांच शुरू की है। साथ ही सब रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारियों के घर पर भी ईडी के टीम पहुंची। ईडी की इस कार्रवाई से भूमाफिया, प्रॉपर्टी से जुड़े काम करने वालों और तमाम अधिवक्ताओं में हड़कंप की स्थिति है।

 

रजिस्ट्री फर्जीवाड़े का मामला जुलाई 2023 में प्रकाश में आया था। जिसमें पता चला कि कुछ अधिवक्ताओं ने प्रॉपर्टी डीलरों और भूमाफिया से मिलकर देहरादून के सब रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकार्ड रूम में घुसपैठ कर रजिस्ट्रियों के रिकॉर्ड बदल दिए हैं। साथ ही कलेक्ट्रेट के राजस्व अभिलेखागार से रिकॉर्ड भी गायब किए गए हैं। इस काम में सब रजिस्ट्रार कार्यालय के कुछ कार्मिकों ने भी फर्जीवाड़े में मदद की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त रुख के बाद प्रकरण में 02 एसआईटी (पुलिस व स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग) का गठन किया गया। पुलिस ने अब तक रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में 13 मुकदमे दर्ज कर 20 आरोपियों को जेल भेजा है।

रजिस्ट्री फर्जीवाड़े पर सख्त कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने ईडी को मामले संज्ञान लेने को कहा था। साथ ही इस काम में पुलिस ने ईडी को जांच शुरू करने के लिए हर तरह का सहयोग भी किया। अब ईडी ने पूरी तैयारी के साथ अचानक से इस दिशा में बड़े स्तर पर छापेमारी शुरू करते हुए भूमाफिया को स्पष्ट संदेश दे दिया है। माना जा रहा है कि 80 से अधिक कार्मिकों की टीम के साथ 05 राज्यों में की गई छापेमारी में ईडी बड़े स्तर पर आरोपियों की संपत्ति अटैच कर सकती है। छापेमारी के देर रात तक जारी रहने की उम्मीद है।

 

ईडी की टीम ने हाउसिंग प्रोजेक्ट के नाम पर 19 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोपी जितेंद्र खरबंदा और अजय पुंडीर के दून ट्रफलगर और आरबोरिया अपार्टमेंट पर भी छापा मारा। दोनों के खिलाफ पुलिस अब तक 03 मुकदमे दर्ज कर चुकी है। एक अहम मामले में आरोपी जितेंद्र खरबंदा व अजय पुंडीर ने अपराधिक षड़यंत्र के तहत एक पीड़ित से देहरादून में जमीन खरीदने के नाम पर बालाजी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में निवेश करने के लिए 19 करोड़ रुपये लिए, लेकन अपनी निजी कंपनी में कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर निवेश किया। साथ ही फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अंजनी इंफ्रा प्रोजेक्ट के नाम से वर्ष 2018 से 2017 में एमओयू किया, जबकि यह कंपनी वर्ष 2013 से अस्तित्व में ही नहीं थी। इस तरह आरोपियों ने षड़यंत्र के तहत पीड़ित के साथ 19 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की।

इसके अलावा ईडी की ओर से रमेश चायल, इमरान अहमद, कुंवर पाल सिंह (जेल में मौत) के बेटे का घर, हुमायूं परवेज, समीर कामयाब, अजय पुंडीर, जितेंद्र खरबंदा, संतोष अग्रवाल, दीपचंद अग्रवाल, डालचंद, अजय सिंह छेत्री, रोहताश सिंह, अजय मोहन पालीवाल आदि के यहां भी छापामारी कर रही है।

 

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