सतपाल महाराज के क्षेत्र में 20 साल बाद भी मोटर मार्ग कच्चा
चौबटाखाल क्षेत्र में विकास कार्य पूरी तरह ठप, पाटीसैंण बग्याली एकेश्वर मोटर मार्ग दो दशकों बाद भी कच्चा, कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने आंदोलन की दी चेतावनी

सतपुली : पौड़ी जिले के चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री होने के बावजूद पूरा क्षेत्र विकास की रोशनी से वंचित है और हाल इतना बुरा है कि वर्ष 2004 से 2007 के बीच शुरू करवाए गए अनेक कार्य आज भी जस के तस पड़े हुए हैं।
यह बात आज अपने पैतृक गांव बग्याली के दो दिवसीय दौरे से लौटते हुए नगर पंचायत क्षेत्र सतपुली में पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कही। नगर पंचायत सतपुली के नव निर्वाचित अध्यक्ष जितेंद्र चौहान ने धस्माना का स्वागत करते हुए उनको नगर पंचायत से संबंधित सफाई,नायर नदी पर निर्माणाधीन झील कार्यों में सुस्ती, आदि समस्याओं समस्याओं से अवगत करवाया। धस्माना ने चौहान को आश्वस्त किया कि वे अपने स्तर पर मुख्यमंत्री से व नगर विकास के आला अधिकारियों से मिल कर समस्याओं का समाधान करवाने में सहयोग करेंगे।
धस्माना ने कहा कि उन्होंने वर्ष २००४ से २००७ के बीच तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी व तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री इंद्रा हृदयेश से आग्रह व प्रयास करवाकर क्षेत्र में अनेक सड़कें व विकास कार्य स्वीकृत करवाए थे, जिनमें से एक पाटीसैन से डोभाल नाव बग्याली होते हुए एकेश्वर तक का मोटर मार्ग था जो कि आज दो दशक बाद भी डामरीकरण नहीं हो पाया। गांववासियों ने बताया कि पिछले लोकसभा चुनाव में पूरे क्षेत्र के लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया तो क्षेत्र के विधायक व कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने आश्वासन दिया था कि सड़क का डामरीकरण हो जाएगा किंतु आज तक उस पर कार्य नहीं हुआ और सड़क बदहाल है। धस्माना ने कहा कि जब कैबिनेट मंत्री द्वारा अपने निर्वाचन क्षेत्र में लोगों को दिए आश्वासन को ही पूरा नहीं किया जा सका तो पूरे पौड़ी जनपद और राज्य में विकास के बारे में कल्पना की जा सकती है। धस्माना ने कहा कि शीघ्र ही वे पूरे चौबट्टाखाल छेत्र व पौड़ी जनपद के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करेंगे और जन सरोकारों के लिए आंदोलन करेंगे। इस अवसर पर पूर्व प्रधान जगदम्बा प्रसाद डंगवाल, कुल्हाड़ के पूर्व प्रधान देव किशोर सिंह नेगी, संजय कुकरेती, उषा उनियाल आदि उपस्थित रहे।