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केदारनाथ धाम में सीजन की पहली बर्फबारी, हाईवे बाधित होने से यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं

देहरादून/रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में मौसम एक बार फिर से चुनौती बन गया है। प्रदेश में बारिश का सिलसिला थमा भी नहीं था कि अब ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। मंगलवार को केदारनाथ धाम की चोटियों पर सीजन की पहली बर्फबारी दर्ज की गई, जिससे ठंड बढ़ गई हैं। वहीं बारिश के कारण चारधाम की यात्रा बंद पड़ी हुई है, जिससे धाम में सन्नाटा पसरा हुआ है। लगातार बारिश और बर्फबारी के कारण चारधाम यात्रा प्रभावित हो गई है। प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से सोनप्रयाग से आगे यात्रियों को जाने की अनुमति नहीं दी है। वहीं केदारनाथ हाईवे भी बांसवाड़ा के पास तीसरे दिन से बंद पड़ा है, जिससे यात्री फंसे हुए हैं और आसपास के क्षेत्रों में सन्नाटा पसरा हुआ है। मौसम का असर इस बार यात्रा सीजन पर गहरा पड़ा है। मानसून के दौरान जुलाई और अगस्त में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण यात्रा बार-बार बाधित होती रही। अब सितंबर की शुरुआत में भी हालात सुधरने की बजाय और बिगड़ते दिखाई दे रहे हैं। यात्रियों को बार-बार रुकना पड़ रहा है, जबकि स्थानीय व्यापारी और होटल कारोबारी भी नुकसान से जूझ रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि जैसे ही मौसम में सुधार होगा और मार्ग खुलेंगे, तब यात्रियों को यात्रा आगे बढ़ाने की अनुमति दी जाएगी। फिलहाल लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।

केदारनाथ धाम की ऊंची चोटियों पर लगातार बर्फ गिर रही है, जबकि धाम में बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। बारिश और बर्फबारी से यहां ठंड और अधिक बढ़ गई है। बाबा केदार का पवित्र परिसर भक्तों से खाली और सुनसान पड़ा हुआ है। भारी बारिश और मार्ग बंद होने से इस मानसून सीजन में स्थानीय व्यापारियों और होटल कारोबारियों का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है। सोनप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग मुनकटिया में पिछले तीन दिनों से बंद पड़ा है। मार्ग को खोलने के लिए विभागीय टीमों की ओर से युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है। इसी बीच मुनकटिया स्लाइडिंग जोन के नीचे, मन्दाकिनी नदी किनारे दो दिनों से फंसे खच्चरों को एसडीआरएफ के जवानों ने सुरक्षित बाहर निकाला। लगातार बारिश में भीगते हुए ये खच्चर जान जोखिम में डालकर खाई के किनारे पर फंसे थे। मौसम खुलने पर एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और साहसिक रेस्क्यू अभियान चलाकर खच्चरों को सुरक्षित निकालने में सफलता हासिल की। स्थानीय लोग और व्यापारी प्रशासन से लगातार मार्ग को जल्द खोलने की मांग कर रहे हैं ताकि रुकी हुई यात्रा दोबारा शुरू हो सके और व्यापारिक गतिविधियां पटरी पर लौट सकें।

लगातार हो रही बारिश से पहाड़ी इलाकों में हालात बेहद कठिन बने हुए हैं। जगह-जगह पैदल रास्ते और मोटरमार्ग ध्वस्त हो गए हैं, जिससे ग्रामीण जनता के सामने कई तरह की चुनौतियाँ खड़ी हो गई हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत केदारनाथ यात्रा मार्ग पर देखने को मिल रही है। यात्रा की लाइफ लाइन माने जाने वाला सोनप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग मुनकटिया में पिछले कई दिनों से बंद पड़ा हुआ है। हालांकि इसे खोलने के प्रयास लगातार जारी हैं, लेकिन बारिश और भूस्खलन की वजह से काम में दिक्कतें आ रही हैं। मार्ग बंद होने के कारण हजारों यात्री रुके हुए हैं और स्थानीय व्यापारियों का कामकाज भी पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। इस बीच एक मार्मिक घटना भी सामने आई। रास्ता बंद होने के चलते दो बेज़ुबान खच्चर खाई में उतर गए। नीचे से उफान मार रही मंदाकिनी नदी और लगातार हो रही बारिश के बीच ये खच्चर दो दिनों तक फंसे रहे और भीगते रहे। हालांकि प्रशासन और बचाव दलों की ओर से इन्हें निकालने के प्रयास जारी हैं।

तीन दिनों से बंद पड़ी केदारघाटी की लाइफ लाइन केदारनाथ हाईवे बांसवाड़ा में खोल दिया गया है। हाईवे खुलने के बाद वाहनों की आवाजाही फिर से शुरू हो गई है, जिससे स्थानीय लोगों और रुके हुए यात्रियों को राहत मिली है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने कहा कि लगातार बारिश के कारण केदारनाथ हाईवे बार-बार बाधित हो रहा था। इसे देखते हुए एनएच विभाग ने मौके पर हर समय मशीनें तैनात कर रखी हैं ताकि मलबा गिरते ही मार्ग को तुरंत साफ किया जा सके और यातायात चालू रखा जा सके। हालांकि, सोनप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग अभी भी मुनकटिया में बंद पड़ा हुआ है। पहाड़ी से लगातार मलबा आने की वजह से मार्ग खोलने में दिक्कतें आ रही हैं। विभाग की ओर से इसे जल्द खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। लगातार बारिश और मार्ग बाधित होने से चारधाम यात्रा एक बार फिर से प्रभावित हुई है। जहां हाईवे खुलने से कुछ हद तक राहत जरूर मिली है, वहीं गौरीकुंड मार्ग बंद रहने से केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को अब भी रुकना पड़ रहा है।

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