लोक गायिका शारदा सिन्हा नहीं रही

नई दिल्ली: बिहार की मशहूर गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया।दिल्ली एम्स में उन्होंने आखिरी सांस ली। उनकी तबीयत अचानक अधिक बिगड़ी थी जिसके बाद वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा था लोक गायिका और बिहार की स्वर कोकिला कही जाने वालीं शारदा सिन्हा इस वक्त कैंसर से जूझ रही थीं । उनकी हालत गंभीर बनी हुई थीं । बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश की फिजाओं में एक खूबसूरत आवाज हर साल छठ के मौके पर गूंजती है, वो आवाज है स्वर कोकिला कही जाने वालीं शारदा सिन्हा की, जो फिलहाल दिल्ली के एम्स में भर्ती थीं । शारदा सिन्हा के लोक गीत हर भारतीय के दिल में बसे हुए हैं। छठ पूजा के गीतों से लेकर बॉलीवुड के कुछ मशहूर गानों तक शारदा की आवाज ने हर जगह अपना जादू बिखेरा है।
सिन्हा अपने प्रशंसकों के बीच ‘‘कार्तिक मास इजोरिया” और ‘‘कोयल बिन” जैसे लोक गीतों के साथ-साथ फिल्म ‘‘गैंग्स ऑफ वासेपुर- दो” के बॉलीवुड गीत ‘‘तार बिजली” और फिल्म ‘‘हम आपके हैं कौन” के ‘‘बाबुल” गीतों के लिए जानी जाती थीं। एम्स ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि सिन्हा की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार नजर रख रहे हैं और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की है। सिन्हा (72) एक भारतीय लोक और शास्त्रीय गायिका हैं, जो बिहार से ताल्लुक रखती हैं।
एक तरफ जहां शारदा सिन्हा के गाए गीत ट्रेंड कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर शारदा सिन्हा जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही हैं। उनकी खराब तबियत की वजह से उन्हें एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया , पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा को उनके भोजपुरी, मैथिली और मगही लोकगीतों के लिए जाना जाता था। सिन्हा, मल्टीपल मायलोमा (एक प्रकार का रक्त कैंसर) के कारण उत्पन्न स्वास्थ्य जटिलताओं के बाद वेंटिलेटर पर हैं। लोकगायिका सिन्हा को पिछले महीने एम्स के कैंसर संस्थान, इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर हॉस्पिटल (आईआरसीएच) की गहन देखभाल इकाई में भर्ती कराया गया था।
शारदा सिन्हा के मशहूर छठ गीतों की बात करें तो ‘दुखवा मिटाईं छठी मइया’ ना ही सिर्फ बिहार बल्कि दुनिया भर में बसे भारतीयों के दिलों में गूंजता है। उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने हाल ही में दिल्ली के एम्स से शारदा सिन्हा के एक और फेमस छठ गीत को रिलीज किया। इसके अलावा शारदा ने बॉलीवुड में भी अपनी आवाज दी है। फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ का गीत ‘तार बिजली से पतले हमारे पिया’ और ‘मैंने प्यार किया’ का ‘कहे तोसे सजना’ आज भी फैंस के बीच बेहद लोकप्रिय हैं।
शारदा सिन्हा का करियर भारतीय लोक संगीत में एक मील का पत्थर माना जाता है। उन्होंने अपनी गायकी की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो से की थी और बाद में दूरदर्शन पर भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी। धीरे-धीरे उन्होंने लोक गायन की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई। उनके छठ गीत न सिर्फ बिहार में, बल्कि देश के बाकी हिस्सों में भी बहुत लोकप्रिय हैं।