युवाओं के सपनों को साकार कर रहा विदेश रोजगार प्रकोष्ठ
-विदेशी भाषा का कोर्स पास करने के बाद उत्तराखंड के कई युवा विदेश में कर रहे नौकरी, शत-प्रतिशत रोजगार की गारंटी, सरकार के दखल के कारण ठगी का भी डर नहीं

*लक्ष्मी प्रसाद बडोनी/देहरादून : विदेश रोजगार प्रकोष्ठ व स्किल हब युवाओं के लिए राज्य ही नहीं विदेश में भी नौकरी के अवसर पैदा कर रहा है। अब तक कई युवक जापानी और जर्मनी भाषा का कोर्स पास कर संबंधित देशों में नौकरी कर रहे हैं। इनमें से कुछ युवकों को दो से ढाई लाख रुपए तक वेतन मिल रहा है। सेवायोजन विभाग की ओर से इन युवाओं को विदेशों में अपनी देखरेख में रखा जाता है।
साल 2021 में शुरू हुई मुख्यमंत्री कौशल एवं वैश्वीकरण रोजगार योजना के तहत पिछले चार साल में जापान, जर्मनी और इंग्लैंड के लिए अलग-अलग लैंग्वेज प्रोग्राम के तहत हेल्थ सेक्टर और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए युवा तैयार किए गए हैं। उत्तराखंड सेवायोजन विभाग के सहायक सेवायोजन अधिकारी कपिल पांडे ने बताया कि सेवायोजन विभाग प्रदेश भर से विशेष स्किल रखने वाले होनहार युवाओं को यह लैंग्वेज ट्रेनिंग दे रहा है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा गठित किए गए विदेश रोजगार प्रकोष्ठ द्वारा विदेशों में नौकरियों के लिए एंपलॉयर आमंत्रित किए जाते हैं। ये एंपलॉयर युवाओं की स्किल को देखकर उनका चयन करते हैं। चयन होने के बाद इन छात्रों को उस देश की लैंग्वेज ट्रेनिंग दी जाती है। उन्होंने बताया कि इस विशेष लैंग्वेज ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत छात्रों को विदेश में हाय पे स्केल में नौकरी मिलती ह।
नोडल अफसर विनीता बडोनी ने बताया कि जापान जाने के इच्छुक युवाओं को 52 हजार रुपए जापानी भाषा का कोर्स करने के लिए जमा कराने होंगे। उन्हें शंकरपुर स्थित विदेश रोजगार प्रकोष्ठ के भवन में यह कोर्स कराया जाएगा। कोर्स के दौरान उन्हें रहने-खाने की मुफ्त सुविधा दी जाएगी। कोर्स में पास होने के बाद उन्हें जापान भेजा जाएगा। टिकट और वीजा का प्रबंध सरकार की तरफ से किया जाएगा। इन दिनों जापान के लिए 30 छात्रों के प्रशिक्षण को पंजीकरण चल रहा है।
ऐसे कर सकते हैं आवेदन
विदेश में रोजगार के इच्छुक अभ्यर्थी उत्तराखंड सरकार के कौशल विकास विभाग के रोजगार पोर्टल (www.rojgar.uk.gov.in) पर पंजीकरण कर सकते हैं। विभाग की ओर से समय-समय पर रोजगार मेले, कैंपस इंटरव्यू और प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन भी किया जा रहा है, ताकि कोर्स पूरा करने वाले युवाओं को जल्दी रोजगार मिल सके।