उत्तराखंडजंगल की आगसेना

उत्तराखंड में धधक रहे जंगल, आग बुझाने को वायु सेना की मदद ली

देहरादून: उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों पर जंगल धधक रहे हैं। कुमाऊं में तो आग बुझाने के लिए वायु सेना की मदद ले नहीं पड़ी है।

कंडीसौड़ (टिहरी) में फायर सीजन में जंगलों को आग से बचाने की तैयारी में जुटे वन विभाग की तैयारियां धरी की धरी रह गई है। एक ही समय कई जगहों पर आग लगने पर विभाग असहाय नजर आ रहा है। विभागीय कर्मचारियों को सूचना देने पर वह मैन पावर की कमी का रोना रो रहे हैं। जिससे जगह-जगह जंगल धधक रहे हैं। शुक्रवार को सुबह 10 बजे सुनारगांव के सिविल वन क्षेत्र में लगी आग पांच घंटे बाद काबू की गई। वन कर्मियों के वहां से आग बुझाकर लौटने के डेढ़ घंटे बाद ही कंडीसौड़ का जंगल धधकने लगा। स्थानीय लोगों ने वन विभाग को सूचना दी।

कुमाऊं के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने शनिवार से भीमताल झील से पानी भरकर जंगलों में पानी डालने का काम करना शुरू कर दिया है। शनिवार की सुबह वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने भीमताल झील से टैं पानी भरकर नैनीताल के जंगलों में लगी आग पर डाला। वन क्षेत्राधिकारी विजय मेलकानी ने बताया कि जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली गई है। मेलाकनी ने बताया कि हेलीकॉप्टर ने अभी तक तीन बार झील से पानी भरकर जंगलों में लगी आग पर डालना शुरू कर दिया है। मेलकानी ने बताया कि वन विभाग के कर्मचारी भी आग बुझाने में लगे हुए हैं। आग से भीमताल, पाइंस, रानीबाग, सातताल, बेतालघाट और रामगढ़ के जंगलों की वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है।

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