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स्मार्ट प्रीपेड मीटर के विरोध में पूर्व सीएम भी उतरे

-देहरादून में डिफेंस कॉलोनी स्थित अपने आवास पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक घंटे का रखा मौन, कहा इससे ढाई गुना बढ़ जाएगा बिजली बिल

देहरादून: उत्तराखंड में सरकार ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की शुरूआत कर दी है, लेकिन इसका विरोध भी शुरू हो गया है। पूर्व सीएम हरीश रावत भी इसके विरोध में उतर गए हैं। पूर्व सीएम ने इसके विरोध में सोमवार को अपने डिफेंस कॉलोनी स्थित आवास पर एक घंटे का मौन रखा। उन्होंने सरकार से ये फैसला वापस लेने की मांग की है।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि भाजपा सरकार बिजली का वितरण भी एक कंपनी के नियंत्रण में देना चाहती है और उसके लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर एक नाम दिया गया है। हमारे जो पुराने मीटर हैं वो बदले जाएंगे इनकी जगह पर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
उनका कहना है कि मैं पूरे विश्वास से कह रहा हूं कि आज जितना लोगों को बिजली का बिल देना पड़ रहा है, पहले तो यहीं लूट हो गई। क्योंकि पहले जितना दो महीने का बिल आता था अब एक महीने में बिजली का बिल आ रहा है। ये प्रीपेड स्मार्ट मीटर के नाम पर ये बिल और ढाई गुना बढ़ेगा और लोग लूटेंगे। इसलिए इस “प्रीपेड स्मार्ट मीटर” के खिलाफ लोगों को आगे आना चाहिए और आवाज उठानी चाहिए।
बता दें कि प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की शुरूआत हो चुकी है। उत्तराखंड में करीब 16 लाख उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। इसमें से करीब 6.25 लाख मीटर कुमाऊं मंडल में और गढ़वाल क्षेत्र में लगभग 9.62 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। जबकि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद उपभोक्ता कम से कम 100 रुपये का स्मार्ट मीटर में रिचार्ज कर सकते हैं

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