लद्दाख में बंद के दौरान हिंसा, चार की मौत, 30 घायल

देहरादून/श्रीनगर: छठी अनुसूची के तहत विशेष दर्जा और लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हो रहे बंद और बड़े प्रदर्शन के दौरान लेह में हालात तनावपूर्ण हो गए। प्रदर्शन के दौरान कुछ युवाओं के उग्र हो जाने के बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने और लाठीचार्ज करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालय में आग लगा दी। हिंसा और लाठीचार्ज में चार लोगों की मौत हुई, जबकि 30 अन्य घायल हो गए। इस बीच, भूख हड़ताल पर बैठे जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने एक वीडियो जारी कर लेह में हुई हिंसा पर दुख व्यक्त किया और शांति बनाए रखने का आह्वान किया।
लेह में युवाओं का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। इस दौरान को पुलिस को उनको काबू करने के लिए बड़ा एक्शन लेना पड़ा। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे हैं। साथ ही लाठी चार्ज का किया
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने चार दिवसीय लद्दाख महोत्सव के अंतिम दिन का कार्यक्रम रद्द कर दिया। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने एक बयान जारी कर कहा कि स्थिति के चलते समापन समारोह को रद्द करना पड़ा है। हम स्थानीय कलाकारों, सांस्कृतिक समूहों, पर्यटकों और आम जनता से क्षमा चाहते हैं।
लेह में पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन के बाद जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के अनुसार लेह में पूर्व लिखित अनुमति के बिना कोई जुलूस, रैली या मार्च नहीं निकाला जाएगा।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और एनसी के विधायक तनवीर सादिक ने लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में सरकार की विफलताओं की आलोचना करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूर्ण राज्य की मांग(स्टेटहुड) बहाल नहीं किया गया, सिर्फ इसलिए कि भाजपा चुनाव नहीं जीत पाई। यह जनता के साथ नाइंसाफी है।