मनसा देवी हादसे के लिए सरकार और मंदिर समिति जिम्मेदार : कांग्रेस
उत्तराखंड के तीर्थ स्थलों व मंदिरों में नहीं है श्रद्धालुओं के लिए उचित सुरक्षा व्यवस्था, हर साल करोड़ों श्रद्धालु आते हैं तीर्थ यात्रा में उत्तराखंड, आपदा प्रबंधन विभाग के अंतर्गत यात्रियों की सुरक्षा व भीड़ प्रबंधन के लिए हो अलग से फोर्स का गठन, दुर्घटना के बाद नींद से जागती है सरकार: धस्माना

देहरादून: उत्तराखंड देवभूमि में हर वर्ष पूरे बारह महीने देश और दुनिया भर से श्रद्धालु तीर्थ यात्रा व मंदिरों के दर्शन करने पहुंचते हैं और ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व भीड़ प्रबंधन के राज्य में स्थाई इंतजाम होने चाहिए जिससे मनसा देवी मंदिर में आज की तरह की दुर्घटनाएं ना हों यह बात आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने हरिद्वार के मनसा देवी मंदिरों में भगदड़ से हुई श्रद्धालुओं की मौत व घायल होने की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कही। श्री धस्माना ने इस घटना के लिए राज्य सरकार जिला प्रशासन हरिद्वार व मनसा देवी मंदिर प्रबंध समिति को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि श्रावण मास व रविवार का दिन होने के कारण मंदिर में दर्शन करने आने वालों की भीड़ का पूर्वानुमान सभी को रहा होगा किन्तु वहां व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं थीं और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बिजली के खंभे में खुली तारों में करंट की बात बताई जा रही है जिसके कारण रेलिंग में करंट की चर्चा और फिर भगदड़ होने की बात सामने आई जिसमें सात लोगों की जान चली गई व बड़ी संख्या में लोगों के घायल होने की बात की पुष्टि हुई। श्री धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड में चार धामों के अलावा सैकड़ों की संख्या में प्रसिद्द सिद्ध पीठ व मंदिर हैं। हरिद्वार में छह साल में अर्धकुंभ व बारह वर्षों में महाकुंभ का मेला होता है , हर साल कांवड़ यात्रा एक महीने चलती है इसके अलावा तमाम तीज त्यौहार में हरिद्वार ऋषिकेश में प्रमुख स्नान होते हैं जो हर वर्ष होते ही हैं किन्तु राज्य में कोई भी स्थाई व्यवस्था भीड़ प्रबंधन व सुरक्षा की इस दृष्टि से नहीं है जिसके कारण इस प्रकार की अनहोनी होती हैं। धस्माना ने कहा कि सरकार का काम केवल वोटों के लिए लोगों में धार्मिक भावनाएं भड़काने का रह गया है किन्तु धार्मिक आयोजनों तीर्थ यात्राओं व मंदिर आदि तीर्थ स्थलों में यात्रियों व श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था व भीड़ प्रबंधन का कोई काम सरकार नहीं करती जिसके कारण ऐसी दुखद स्थिति पैदा होती है।
धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार को चाहिए कि आपदा प्रबंधन विभाग के अंतर्गत यात्रियों की सुरक्षा व भीड़ प्रबंधन का स्थाई इंतजाम किया जाए जिसके लिए पुलिस से अलग एक फोर्स गठित की जाए जो केवल यह कार्य करे।