नाबालिग से दुष्कर्म और गर्भवती बनाने के अभियुक्त को 20 साल की कैद
- अपर जिला जज रजनी शुक्ला की अदालत ने अभियुक्त को 20 हजार का जुर्माना भी लगाया, दो अन्य अभियुक्तों को चार-चार साल की कैद और 20-20 हजार के जुर्माने की सजा भी सुनाई

देहरादून: अपर जिला जज (पोक्सो) रजनी शुक्ला की अदालत ने एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म कर उसे गर्भवती बनाने के जुर्म में गुरुवार को एक अभियुक्त को 20 साल की कैद और 96 हजार रुपए का जुर्माना जबकि दो अन्य अभियुक्तों को चार साल की कैद और 20-20 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। अदालत ने अभियुक्तों से जुर्माने के रूप में वसूली गई धनराशि में एक लाख रुपए पीड़िता को देने के आदेश भी जारी किए।
घटनाक्रम के अनुसार पीड़िता के पिता ने थाना पटेल नगर में दर्ज शिकायत में कहा था कि उनकी पुत्री 3 सितंबर 2019 को स्कूल जा रही थी कि कार सवार आशिफ और उसके दो साथियों ने उसका अपहरण कर लिया और नैनीताल ले जाकर उससे दुष्कर्म किया। अभियुक्तों की इस हरकत से उसकी पुत्री गर्भवती हो गई, जिसका अदालत के आदेश पर गर्भपात कराया गया। आरोप है कि अभियुक्त ने उसकी पुत्री को जान से मारने की धमकी भी दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अभियुक्तों की तलाश शुरू की। पुलिस ने तीनों अभियुक्तों को आईएसबीटी से गिरफ्तार कर नाबालिग लड़की को बरामद कर लिया। साथ ही अदालत में पेश कर तीनों अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया।
अदालत में बचाव पक्ष ने आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि नाबालिग लड़की के पिता से लेन-देन की बात कही। लेकिन पीड़िता के पिता ने 2.50 लाख रुपए उसके खाते में डालने के आरोप को ग़लत बताया। बचाव पक्ष ने आशिफ पुत्र गफ्फार हाल निवासी गुप्ता कालोनी माजरा, पटेल नगर, देहरादून (मूल निवासी बरेली, उत्तर प्रदेश) से पीड़िता के निकाह होने के साक्ष्य के तौर पर एक मौलवी को पेश किया गया, लेकिन अदालत ने उसे खारिज कर इस मामले को दुष्कर्म की श्रेणी में रखते हुए तीनों अभियुक्तों को सजा सुना दी। आशिफ को 20 साल की कैद, जबकि दो अन्य अभियुक्तों रिजवान और इमरान को चार-चार साल की सजा सुनाई।